10-Dec-2023 09:59 AM
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कोच्चि, 10 दिसंबर (संवाददाता) कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष डी कुप्पुरामु ने रविवार को केरल सरकार से राज्य में नारियल किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए कॉयर क्षेत्र को प्रदूषणकारी उद्योग की श्रेणी से हटाने का आग्रह किया।
कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष ने ‘यूनीवार्ता’ से बात करते हुए कहा कि कॉयर उद्योग को 'रेड' श्रेणी के तहत वर्गीकृत किया गया है, जिससे व्यवसायियों को केरल छोड़ने और राज्य के बाहर अपनी विनिर्माण इकाइयों और दुकानों को खोलने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
उन्होंने आरोप लगाया, “लाल श्रेणी के रंग कोड के तहत कॉयर उद्योग का वर्गीकरण उत्पादन और किसानों के हित को प्रभावित करेगा। कुछ बाजार ताकतें किसानों के हित और देश में पारंपरिक कॉयर क्षेत्र के विकास के खिलाफ काम कर रही हैं।”
उन्होंने कहा, “प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानदंडों के अनुसार, उद्योगों को उनके प्रदूषण स्तर के आधार पर लाल, नारंगी, हरा और सफेद श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। लाल श्रेणी उच्च प्रदूषण स्तर के अंतर्गत आती है और सफेद श्रेणी प्रदूषण स्तर में नहीं आती है।”
उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से नारियल किसानों और उद्यमियों के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने का आह्वान करते हुए कहा कि पारंपरिक नारियल क्षेत्र कई लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है और देश की कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।
यह इंगित करते हुए कि केरल की कृषि का पतन चिंताजनक है, उन्होंने कहा कि राज्य, गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है और कृषि उत्पादों के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर है, कृषि क्षेत्र के पुनरुद्धार को कम से कम प्राथमिकता दे रहा है।...////...