खरगे, राहुल ने बाबा सिद्दीकी की हत्या पर जताया शोक
13-Oct-2024 08:35 AM 3500
नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (संवाददाता) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल तथा संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित गुट के नेता एवं राज्य के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि यह वारदात महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। गौरतलब है कि हमलावरों ने कल देर रात श्री सिद्धिकी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इनमें दो हमलावरों को पकड़ लिया गया है। श्री खरगे ने कहा, "महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी का दुखद निधन शब्दों से परे स्तब्ध करने वाला है। दुख की इस घड़ी में, मैं उनके परिवार, दोस्तों और समर्थकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए और महाराष्ट्र सरकार को गहन और पारदर्शी जांच का आदेश देना चाहिए। दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले और जवाबदेही सर्वोपरि है।" श्री गांधी ने कहा, "बाबा सिद्दीकी का दुखद निधन चौंकाने वाला है। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। यह भयावह घटना महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था के पूरी तरह ध्वस्त होने को उजागर करती है। सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और न्याय मिलना चाहिए" श्री वेणुगोपाल ने कहा, "बाबा सिद्दीकी की हत्या से स्तब्ध और आक्रोशित हूँ। सिद्दीकी ने समर्पण के साथ लोगों की सेवा की और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की। उनका निधन मुंबई और महाराष्ट्र के लोगों के लिए एक बड़ी क्षति है। यह घटना महाराष्ट्र की चरमराती कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। सिद्दीकी ने कई मौकों पर अधिकारियों को अपने जीवन के खतरों के बारे में सूचित किया था और वाई प्लस सुरक्षा के बावजूद उनकी हत्या की गई। यह गोलीबारी भीड़भाड़ वाले बाजारों के बीच सड़क पर हुई और इससे पता चलता है कि महाराष्ट्र में अपराधियों को अब कानून का डर नहीं रहा। यहां तक ​​कि सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता भी अब राजधानी में सुरक्षित नहीं हैं। सत्तारूढ़ शासन को जवाब देना होगा-जब सार्वजनिक हस्तियां सुरक्षित नहीं हैं तो आम नागरिक कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे।" श्री खेड़ा ने कहा, "बाबा सिद्दीकी की हत्या के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं, शब्दों से परे। श्री सुनील दत्त के साथ मेरी उनसे पहली मुलाकात 1999 में हुई थी। उनका यूं चले जाना व्यक्तिगत क्षति है।...////...
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