12-Sep-2024 08:19 PM
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नयी दिल्ली, 12 सितंबर (संवाददाता) देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति लगातार दूसरे माह चार प्रतिशत से नीच रही। अनुकूल तुलनात्मक आधार की बदौलत अगस्त 2024 में सालाना आधार पर घटकर 3.65 प्रतिशत पर आ गयी, लेकिन माह-दर-माह के आधार पर इसमें हल्की वृद्धि हुई।
अगस्त 2023 में खुदरा मुद्रास्फीति 6.83 प्रतिशत थी। पांच साल में यह लगातार दूसरा महीना है जबकि खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के लक्ष्य चार प्रतिशत के नीचे रही है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति का लक्ष्य मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के दो प्रतिशत नीचे या ऊपर के दायरे में रखना है।
जुलाई, 2024 की तुलना में अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति हल्की बढ़ी है जबकि पिछले माह यह 3.54 प्रतिशत थी।
गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति 5.66 प्रतिशत थी जो पिछले साल इसी में 9.94 प्रतिशत पर ऊंची थी।
अगस्त 2024 में शहरी मुद्रास्फीति गिरकर 3.14 प्रतिशत पर आ गयी जो एक साल पहले इसी माह 6.59 प्रतिशत थी। इसी तरह ग्रामीण मुद्रास्फीति गिरकर भी आलोच्य माह में गिर कर 4.16 प्रतिशत रही। जबकि पिछले साल इस माह में यह 7.02 प्रतिशत थी।
अगस्त में टमाटर के भाव सालाना आधार पर 47.91 प्रतिशत नीचे रहे। इसी माह में सब्जियों के खुदरा भाव सालाना आधार पर 10.71 प्रतिशत ऊचे थे। शहरी इलाकों में शहरी इलाकों में यह वृद्धि 13.22 प्रतिशत रही।
नाइट फ्रैंक इंडिया के राष्ट्रीय निदेशक अनुसंधान विवेक राठी ने खुदरा मुद्रास्फीति के अगस्त के आंकड़ों पर कहा, “अगस्त 24 में हालांकि इसमें मामूली वृद्धि देखी गई, लेकिन विशेष रूप से खाद्य श्रेणी में तुलनात्मक आधार ऊंचा होने से, खुदरा मुद्रास्फीति मुद्रास्फीति में नरमी बनी हुई है। ईंधन की कीमतों सहित गैर-खाद्य श्रेणियों में मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय कमी आई है, और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण इसके कम रहने की उम्मीद है।”
श्री राठी ने कहा कि दूरसंचार सेवाओं, व्यक्तिगत उपयोग के सामान आदि कुछ घरेलू उपभोग की वस्तुओं में मुद्रास्फीति का दबाव लगातार बना हुआ है। इससे खाद्य कीमतों में अनुकूल तुलनात्मक आधार का प्रभाव समाप्त होने पर खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा कि समग्र तौर पर खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों में नरमी आने के बावजूद परिवारों को लगता है कि महंगाई का दबाव बढ़ता जा रहा है।...////...