कोल गैसिफिकेशन के लिए 8500 करोड़ रुपए का आवंटन
24-Jan-2024 07:32 PM 5614
नयी दिल्ली, 24 जनवरी (संवाददाता) सरकार ने कोयले की उपयोगिता को बढ़ाने के वास्ते इससे निकलने वाली गैसों का उर्वरक तथा अन्य क्षेत्र में इस्तेमाल के लिए कोल गैसिफिकेसन संयंत्र लगाने का निर्णय लिया है और इस काम के लिए 8500 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोयले के स्वच्छ उपयोग के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और गेल के बीच संयुक्त उपक्रम के जरिए कोल गैसिफिकेशन का कारखाना स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसी तरह कैबिनेट ने तीन श्रेणियों में कोयला गैसीकरण परियोजना प्रोत्साहन के लिए कुल 8,500 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी गई है और इसमें सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कोयला लिग्नाइट गैसिकरण परियोजनाओं को सहायता देने का प्रावधान भी किया गया है। कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक के बाद यहां संवाददाताओं को बताया कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए अब भी कोयला पर बहुत निर्भर है और कोयला क्षेत्र को उपयोग नयी प्रौद्योगिकी के साथ बढाया जाएगा। उनका कहना था कि इस समय कोयले का ज्ञात भंडार हमारी 125 साल की जरूररतों के लिए है और हम नई और कम प्रदूषणकारी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से 100 साल तक कोयले का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भारत पर कोयले का उपयोग बंद करने का दबाव है। उन्होंने कहा कि श्रेणी एक के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए 4,050 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जिसमें तीन परियोजनाओं के लिए 1,350 करोड़ रुपये या उनके पूंजीगत व्यय के 15 प्रतिशत, इनमें जो भी कम हो उसके बराबर अनुदान एकमुश्त दिया जाएगा। दूसरी श्रेणी के तहत निजी क्षेत्र के साथ ही सार्वजनिक उपक्रमों के लिए 3,850 करोड़ रुपये का प्रावधान है। तीसरी श्रेणी के तहत स्वदेशी प्रौद्योगिकी या छोटे पैमाने के उत्पाद-आधारित गैसीकरण संयंत्रों के लिए 600 करोड़ रुपये के वायबिलिटी फंडिंग (परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिए सहायता) का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सहायता उन्हीं चयनित इकाई को दी जाएगी जो न्यूनतम 100 करोड रुपए की पूंजी निवेश में सक्ष्म होंगे। कोयले के उत्पाद में बहुत अधिक गैसे तथा अन्य सैकड़ों उत्पाद निकलते हैं। इसमें जो गैस निकलती है उसे प्राकृतिक गैस में बदलने का काम होना है। कोयले को पिछड़े इलाकों की अर्थव्यवस्था का आधार बताते हुए उन्होंने कहा कि सीआईएल और गेल का संयुक्त उपक्रम कोयला से गैस उत्पादन के लिए होगा। इसी तरह एक कारखाना कोयले से उर्वरक उद्योग के लिए अमोनियम नाईट्रेट के उत्पादन के लिए होगा जिस पर करीब 12 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। ओडिशा के संभलपुर के संयंत्र में कोयले को लेकर यह परिवर्तनकारी काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अभी सीमित तकनीकी उपलब्ध है उसके बावजूद सरकार इस क्षेत्र में ज्यादा उपलब्धि हासिल करना चाहते हैं।...////...
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