24-Jun-2022 11:41 PM
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नयी दिल्ली, 24 जून (AGENCY) भारत में कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक ह्वांग इल-योंग ने शुक्रवार को कहा कि कोरियाई युद्ध में मदद करने वाली भारतीय सेना की पैरा फील्ड एंबुलेंस ने कोरिया के विकास में महत्वपूर्ण योगदान
दिया है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच 1950-53 के युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने 60वीं पैराशूट फील्ड एंबुलेंस प्लाटून को एशिया के सुदूर-पूर्व में युद्ध के मैदान में भेजा था। भारतीय सेना की इस प्लाटून एंबुलेंस ने युद्ध के मैदान में खतरों के बीच घूम-घूम कर घायल सैनिकों का इलाज किया था।
कोरियाई युद्ध की 72वीं वर्षगांठ के मौके पर दक्षिण कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र में भारतीय सेना की पैरा फील्ड एंबुलेंस पर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, जिसमें भारतीय सेना के मिलिट्री हॉस्पिटल द्वारा कोरियाई युद्ध में घायल सैनिकों की मदद और उपचार से जुड़े 32 फोटो और वीडियो दिखाए गए हैं।
श्री इल-योंग ने प्रदर्शनी की घोषणा करते हुए कहा, “ इस प्रदर्शनी के माध्यम से, केंद्र 60 पैरा फील्ड एम्बुलेंस को श्रद्धांजलि देता है और याद करता है कि आज के कोरिया गणराज्य में विकास उनकी वजह से संभव हुआ। ”
उन्होंने कहा कि कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र ऐसे कार्यक्रम जारी रखेगा जो कोरिया और भारत के बीच मजबूत संबंधों को विकसित करने में भूमिका निभाते हैं।
लेफ्टिनेंट कर्नल एजी रंगराज की कमान वाली यह टुकड़ी कोरिया में 27वीं राष्ट्रमंडल ब्रिगेड से जुड़ी हुई थी। इसमें चार लड़ाकू सर्जन, दो एनेस्थिसियोलॉजिस्ट और एक दंत चिकित्सक थे। सेना की टुकड़ी की संख्या 627 थी और कोरियाई युद्ध के दौरान यह अपनी तरह की सबसे बड़ी टुकड़ी थी।
60 पैरा फील्ड एम्बुलेंस ने युद्ध के दौरान अनुमानित सवा दो लाख घायलों को सहायता प्रदान की और 2,324 फील्ड सर्जरी की। सेना को छोटी सहायता इकाइयों में विभाजित किया गया था। यूनिट के 10 सदस्य घायल हुए थे और दो की जान गई थी।
प्रदर्शनी आम लोगों के लिए 24 जून से खुली है और 24 जुलाई तक चलेगी।...////...