क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को कृषि ऋण वितरण बढ़ाने के निर्देश
29-Nov-2024 08:37 PM 2615
पटना 29 नवंबर (संवाददाता) केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने आज यहां बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के 4 राज्यों को कवर करने वाले पूर्वी क्षेत्र के 8 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के प्रदर्शन की समीक्षा की और इन बैंको को जमीनी स्तर पर कृषि ऋण वितरण को बढ़ाने के निर्देश दिए। बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू, आरबीआई ईडी, आरआरबी और प्रायोजक बैंकों के अध्यक्ष मौजूद थे। बैठक में नाबार्ड और सिडबी के प्रतिनिधि और भाग लेने वाले राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में 8 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने भाग लिया और इसमें व्यवसायिक प्रदर्शन, डिजिटल प्रौद्योगिकी सेवाओं को उन्नत करने तथा कृषि और सूक्ष्म एवं लघु उद्योग से जुड़ी गतिविधियों में व्यवसाय वृद्धि को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समर्थन देने में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए वित्त मंत्री ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से आग्रह किया कि वे अपने प्रायोजक बैंकों के सक्रिय सहयोग से भारत सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं जैसे पीएम मुद्रा योजना, पीएम विश्वकर्मा आदि के तहत ऋण वितरण में वृद्धि करें। श्रीमती सीतारमन ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को जमीनी स्तर पर कृषि ऋण वितरण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का निर्देश दिया, जिसमें डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि जैसे कृषि से संबंधित सहायक गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। केंद्रीय वित्त मंत्री ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक को मत्स्य पालन और मखाना के लिए ऋण प्रवाह बढ़ाने का निर्देश दिया, ताकि क्षेत्र में इन गतिविधियों की पूरी क्षमता का उपयोग किया जा सके । श्रीमती सीतारमन ने क्षेत्र के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको में दक्षता और सेवा वितरण बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन में तेजी लाने के महत्व पर जोर दिया । उन्होंने इन आरआरबी के वित्तीय मापदंडों में सुधार का भी उल्लेख किया। पूर्वी क्षेत्र के आरआरबी ने वित्त वर्ष 2024 के दौरान 625 करोड़ रुपये का समेकित लाभ दर्ज किया है, जबकि वित्त वर्ष 2023 में उन्हें 690 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। श्री चौधरी ने बैंकों से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाओं की संख्या बढ़ाने और ऋण जमा अनुपात में सुधार करने का आग्रह किया। उन्होंने बैंकों से छोटे उद्योगों को अधिक सहायता प्रदान करने और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन बढ़ाने का भी आग्रह किया। श्रीमती सीतारमन ने क्षेत्र में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने की व्यापक संभावनाओं पर प्रकाश डाला और प्रायोजक बैंकों से आग्रह किया कि वे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के साथ समन्वय करके भारत सरकार की वित्तीय समावेशन योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), अटल पेंशन योजना (एपीवाई) आदि के अंतर्गत लाभार्थियों को शामिल करें। केंद्रीय वित्त मंत्री ने आरआरबी के ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और यूपीआई की डिजिटल सेवाएं प्रदान करने के महत्व को रेखांकित किया और इन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को दिसंबर 2024 के अंत तक प्राथमिकता के आधार पर इन सेवाओं को शामिल करने का काम पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से अपने ग्राहकों के बीच इन सेवाओं को बढ़ावा देने का आग्रह किया ताकि संबंधित प्रायोजक बैंकों की मदद से इनका उपयोग बढ़ाया जा सके। क्षेत्र में स्वरोजगार बढ़ाने के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना (ओडीओपी) की संभावनाओं पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रकाश डाला । उन्होंने राज्य सरकार से महिला स्वयं सहायता समूहों को ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए बैंकों को सहायता देने तथा उन्हें उद्यम के रूप में विकसित करने के लिए नाबार्ड और सिडबी के साथ हाथ मिलाने का आग्रह किया। वित्तीय संस्थानों को प्रशिक्षण और विपणन लिंकेज के लिए सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया गया। श्रीमती सीतारमन ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि प्रायोजक बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को आगे आने वाली चुनौतियों को पहचानना चाहिए। परिसंपत्ति की गुणवत्ता बनाए रखना, डिजिटल सेवाओं का विस्तार करना और मजबूत कॉर्पोरेट प्रशासन सुनिश्चित करना ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता है।...////...
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