28-Feb-2022 11:39 PM
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नयी दिल्ली, 28 फरवरी (AGENCY) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को दिल्ली सरकार की ओर से मकान किराया देने का वादा कानूनी दांव-पेंच से सोमवार को भी नहीं निकल पाया।
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि गरीबों को किराया देने के मुख्यमंत्री के वादे को लेकर उनकी सरकार की ओर से इसे लागू करने के संबंध में अधिसूचना जारी की जानी चाहिए थी।
इससे पहले उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने अपने एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गरीबों को किराया देने के वादे को कानूनी रूप से दिल्ली सरकार द्वारा अमल करने उचित बताया गया था। उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 27 जुलाई 2021 को अपना फैसला दिया था।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 29 मार्च 2020 को वादा था कि दिल्ली सरकार कोरोना लॉकडाउन संकट से प्रभावित उन लोगों का मकान किराया देगी, जो खुद देने में असमर्थ हैं।
उच्च न्यायालय के दो सदस्यीय पीठ के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में नजमा की ओर से विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी।...////...