लोकसभा में संगठित व्यवधान स्वीकार्य नहीं: बिरला
18-Jun-2022 10:27 PM 2834
नयी दिल्ली 18 जून (AGENCY) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि लोकसभा में संगठित व्यवधान स्वीकार्य नहीं है तथा सभी दलों के नेताओं को सदन में अनुशासन बनाए रखने के लिए अपने सांसदों से बात करनी चाहिए। श्री बिरला ने यूनीवार्ता को दिये साक्षात्कार में कहा कि पिछले तीन वर्षों में संसद के निचले सदन ने पिछली तीन लोकसभाओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है और इसमें सहयोग के लिए सांसदों को का सहयोग प्रशंसनीय है। उन्होंने जोर दिया है कि आने वाले दिनों में सदन में सुचारू कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने पर उनका ध्यान रहेगा। उन्होंने कहा , “ पिछले तीन वर्षों में आठ सत्र हुए हैं। हमने हर बहस में सांसदों की सक्रिय भागीदारी देखी है। मैं सभी सांसदों, सदन के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी दलों के नेताओं को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं, जिसके कारण सदन ने बेहतर प्रदर्शन किया।” उन्होंने कहा कि अब तक 139 विधेयक पेश किये गये हैं और 149 पारित हो चुके हैं। तुलनात्मक रूप से, 16वीं लोकसभा में 96 विधेयक पेश किये गये और 94 पारित हुए, वहीं 15वीं लोकसभा में पहले आठ सत्रों में 114 विधेयक पेश किये गये थे जिनमें 95 पारित हुए थे। कुछ मुद्दों पर बहस की अनुमति नहीं दिये जाने के संबंध में विपक्ष के आरोपों को लेकर पूछे जाने पर श्री बिरला ने कहा कि यह उनका नहीं, बल्कि कार्य मंत्रणा समिति का काम है। उन्होंने कहा, “ बिजनेस एडवॉयजरी कमेटी (बीएसी) सदन की एक समिति है जिसमें सत्तारूढ़ एवं विपक्षी दलों के नेता सदस्य होते हैं और यह समिति सदन द्वारा किए जाने वाले कार्य को तय करती है। बीएसी तय करती है कि कौन सी बहस करनी है... कौन से विषय उठाये जायेंगे, कितनी देर तक बहस होगी। किसी विशेष मुद्दे पर बहस करने के लिए सहमति होनी चाहिए। श्री बिरला ने बातचीत में विपक्ष के उन आरोपों को खारिज किया , जिनमें कहा जाता रहा है कि संसद टीवी विपक्षी सदस्यों की निंदा करता है। उन्होंने जोर दिया कि लोकसभा टीवी सालों से है और उसका कामकाज निष्पक्ष हैं। उन्होंने कहा, “ मेरा प्रयास है कि सदन को सभी के सहयोग से चलाया जाए। हमेशा यही कोशिश रहेगी कि सदन के कामकाज में व्यवधान , खासकर संगठित व्यवधान न हो।” संगठित व्यवधान को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, “इसका मतलब यह है कि हम उस दिन तय कर लें कि हम सदन को चलने नहीं देना चाहते हैं।” उन्होंने कहा , “ सदन सभी का है। मुझे उम्मीद है कि सभी नेता अपने सांसदों से बात करेंगे और उन्हें निर्देश देंगे ताकि संसद में अनुशासन और शालीनता बनी रह सके।...////...
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