17-Aug-2024 01:04 AM
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नयी दिल्ली 16 अगस्त (संवाददाता) भारत के दौरे पर आये मॉरीशस के नेशनल एसेंबली के स्पीकर डुवाल एड्रिएन चार्ल्स ने शुक्रवार को संसद भवन परिसर में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
श्री बिरला ने कहा कि मॉरीशस के लोगों का भारतीय संस्कृति से जुड़ाव दोनों देशों की एकजुटता, सामूहिक शक्ति का परिचायक है।
इस अवसर पर श्री बिरला ने श्री डुवाल को स्पीकर के पद पर नियुक्ति के लिये बधाई देते हुये प्रसन्नता व्यक्त की कि मॉरीशस नेशनल असेंबली के स्पीकर के रूप में नियुक्त होने के पश्चात वह सबसे पहले राजकीय दौरे पर भारत आये हैं।
उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का परिचायक है।
लोकसभा अध्यक्ष ने भारत में संसदीय लोकतंत्र की सफलता के बारे में कहा कि संविधान देश की ताकत और इसकी प्राणशक्ति है। उन्होंने कहा कि पिछले 78 वर्षों में देश में व्यापक सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन हुये हैं। इस सन्दर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि चर्चा एवं संवाद के माध्यम से न केवल अनेक समस्याओं का समाधान हुआ है बल्कि देश की विकास यात्रा भी निर्बाध रूप से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
श्री बिरला ने भारत और मॉरीशस के सदियों पुराने सम्बन्धों का उल्लेख करते हुये कहा कि दोनों देशों के बीच अध्यात्म, भाषा और संस्कृति से जुड़ी अनेक समानतायें हैं जिससे दोनों देशों के लोग एक दूसरे के साथ जुड़े हुये हैं। उन्होंने कहा कि आज भी मारीशस के लोगों का भारतीय संस्कृति से जुड़ाव दोनों देशों की एकजुटता और सामूहिक शक्ति को दर्शाता है। श्री बिरला ने यह भी कहा कि भारत से मॉरीशस जाने वाले हज़ारों पर्यटकों को दोनों देशों के लोगों के घनिष्ठ संबंधों का मज़बूत स्तम्भ है ।
उन्होंने इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि भारत और मॉरीशस के बीच विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि डिजिटलीकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में यह सहयोग और बढ़ेगा। भारतीय संसद के संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) के बारे में श्री बिरला ने कहा कि प्राइड संसदीय प्रशिक्षण के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और इसके प्रशिक्षण कार्यक्रमों से अब तक 100 से अधिक देशों के संसद सदस्य और अधिकारी लाभान्वित हुये हैं ।
श्री बिरला ने भारत और मॉरीशस के बीच संसदीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिये दोनों देशों के बीच संसदीय शिष्टमंडलों के आदान-प्रदान पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संसदीय राजनय के माध्यम से भारत और मॉरीशस के नागरिकों के बीच संबंधों को और अधिक मजबूत बनाया जा सकता है। साझे लोकतान्त्रिक मूल्यों और आदर्शों पर आधारित भारत और मॉरीशस के द्विपक्षीय संबंधों की घनिष्ठता पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इन साझे मूल्यों के आधार पर दोनों संसदों को भी आपस में सहयोग बढ़ाना चाहिये।
इस अवसर पर श्री डुवाल ने कहा कि वह भारत यात्रा के दौरान हुए स्वागत-सत्कार के लिये आभारी हैं। उन्होंने श्री बिरला को उनके ऐतिहासिक पुनर्निर्वाचन पर बधाई दी। उन्होंने भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मॉरीशस के लोगों और संसद की ओर से बधाई दी। भारतीय निर्वाचन प्रक्रिया की प्रशंसा करते हुये श्री डुवाल ने निर्वाचन आयोग के निष्पक्ष और पारदर्शिता की सराहना की।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहद खास बताते हुये श्री डुवाल ने संसद टीवी द्वारा मॉरीशस संसद को दी गयी सहायता के लिये आभार व्यक्त किया। उन्होंने मॉरीशस संसद के डिजिटलाइजेशन कार्यक्रम के बारे में कहा कि भारतीय संसद की डिजिटल संसद पहल से मॉरीशस में भी इसी तरह की पहल का मार्ग प्रशस्त हुआ है। श्री डुवाल ने डिजिटल प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण के क्षेत्रों में दोनों देशों की संसदों के बीच घनिष्ठ सहयोग पर जोर दिया।...////...