15-Jun-2022 10:09 PM
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सहारनपुर, 15 जून (AGENCY) मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिन रूपुन ने कहा है कि भारत ने दुनिया को योग के रूप में एक ऐसा अमूल्य तोहफा दिया है, जो वैश्विक स्तर पर लोगों को निरोगी एवं स्वस्थ जीनव शैली को अपनाने के लिये प्रेरित कर रहा है।
मोक्षायतन योग संस्थान द्वारा बुधवार को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में शुरू हुए तीन दिवसीय विश्व योग सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति रुपुन ने कहा कि अपने उद्घाटन भाषण की शुरुआत हिंदी से करके सेमिनार में उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया। राष्ट्रपति रूपुन ने सबसे पहले मोक्ष आयतन योग संस्थान की स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश करने पर बधाई दी और संस्थान के प्रति इस बात के लिए आभार व्यक्त किया कि उन्हें इस सम्मेलन में दुनिया के नामचीन योग गुरुओं और योग प्रेमियों के बीच आने का अवसर दिया।
राष्ट्रपति रूपुन ने कहा की योग भारत के और से पूरे विश्व को एक अमूल्य देन है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया जाना, भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की सोच का ही सुपरिणाम है। उन्होंने कहा कि भारत और इसके संस्कृति जिसका अध्यात्म और योग अनिवार्य हिस्से हैं।
उन्होंने कहा कि मॉरीशस का भारत से सदियों पुराना नाता है। उन्होंने कहा, “योग हमारी प्राचीन परंपरा की ओर से दुनिया को बेशकीमती भेंट है। भारत की भेंट के बजाय हमारी भेंट कहकर मॉरीशस के राष्ट्रपति ने भारत और मॉरीशस के संबंधों की गहरी जड़ की ओर संकेत किया। उन्होंने कहा कि 1950 में भारत से स्वामी शिवानंद ने मॉरीशस के लोगों को योग से परिचित कराया। लेकिन वर्तमान में योग के प्रचार प्रसार के लिए उन्होंने इंदिरा गांधी भारतीय संस्कृति केंद्र की निदेशक आचार्य प्रतिष्ठा और स्वामी जी के प्रति आभार जताया।...////...