मध्य प्रदेश में नये आपराधिक कानूनों को जल्द लागू करने के निर्देश दिये शाह ने
17-Jan-2025 09:56 PM 4896
नयी दिल्ली 17 जनवरी (संवाददाता) केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और इन कानूनों को जल्द से जल्द पूरी तरह अमल में लाने को कहा। बैठक में मध्य प्रदेश में पुलिस, जेल, न्यायालय, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, पुलिस अनुसंधान ब्यूरो के महानिदेशक, अपराध रिकार्ड ब्यूरो के महानिदेशक और केन्द्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। श्री शाह ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों में किसी भी मामले में प्राथमिकी से लेकर उच्चतम न्यायालय तक तीन साल में न्याय दिलाने के प्रावधान हैं। नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अब तक किए गए कार्यों की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने शीघ्र नए क़ानूनों को राज्य में शत प्रतिशत लागू करने पर बल दिया। गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद और संगठित अपराध से जुड़ी धाराओं में केस दर्ज करने से पहले पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मामले का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि निरंतर निगरानी होनी चाहिए कि कितनी जीरो प्राथमिकी नियमित प्राथमिकी में बदली गयी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि दो राज्यों के बीच प्राथमिकी स्थानांतरित की जा सके। उन्होंने हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक साइंस मोबाइल वैन की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। श्री शाह ने अस्पतालों और जेलों में पर्याप्त संख्या में क्यूबिकल बनाने पर भी जोर दिया ताकि वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए साक्ष्य दर्ज कराने में मदद मिल सके। श्री शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में आरोपित ऐसे भगोड़ों के खिलाफ अनुपस्थिति में मुकदमें की शुरुआत करनी चाहिए जो लंबे समय से देश से फरार हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में इसका प्रावधान किया गया है जिसके तहत भगोड़े अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पुलिस को पूछताछ के लिए हिरासत में रखे गए लोगों की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक डैशबोर्ड पर प्रदान करनी चाहिए, साथ ही जब्ती सूची और अदालतों में भेजे जाने वाले मामलों की जानकारी भी डैशबोर्ड पर रखनी चाहिए। उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक को इन मामलों की निरंतर निगरानी का भी निर्देश दिया। श्री शाह ने फॉरेंसिक विज्ञान के जानकार अधिकारियों की भर्ती पर जोर देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार को इसके लिए नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी से समझौता करना चाहिए। नए कानूनों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के प्रावधान पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इसके उचित क्रियान्वयन के लिए राज्य के गृह एवं स्वास्थ्य विभाग को बैठक कर अस्पतालों से पोस्टमार्टम और अन्य मेडिकल रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश ई-समन के मामले में अग्रणी है, इसलिए राज्य सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि दूसरे राज्यों के अधिकारी मध्य प्रदेश का दौरा करके ई-समन के सफल क्रियान्वयन के बारे में समझ सकें। केन्द्रीय गृह मंत्री ने गरीबों को न्याय दिलाने के लिए विधिक सहायता की व्यवस्था और इसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि गरीबों का मुकदमा सही तरीके से लड़ना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को महीने में एक बार, मुख्य सचिव को हर 15 दिन और पुलिस महानिदेशक को सप्ताह में एक बार सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के पुलिस महानिदेशक सभी पुलिसकर्मियों को संवेदनशील बनायें कि समय पर न्याय दिलाना उनकी प्राथमिकता है।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - mpenews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^