मध्यप्रदेश के आगामी बजट के निर्धारण में आधार बनेंगे अर्थशास्त्रियों के शोध निष्कर्ष- शिवराज
26-Dec-2021 08:30 PM 4606
भोपाल, 26 दिसंबर (AGENCY) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के आगामी बजट के निर्धारण में आर्थिक क्षेत्र के विद्वानों और प्रमुख अर्थशास्त्रियों के शोध निष्कर्षों को आधार बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज प्रशासन अकादमी में इंडियन इकोनामी एसोसिएशन के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन इकोनामी ऑफ मध्यप्रदेश सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने के संकल्प की पूर्ति में मध्यप्रदेश अधिकाधिक योगदान देगा। मध्यप्रदेश के आगामी बजट के निर्धारण में आर्थिक क्षेत्र के विद्वानों और प्रमुख अर्थशास्त्रियों के शोध निष्कर्ष को आधार बनाया जाएगा। संगोष्ठी के प्रतिभागियों से प्राप्त सुझावों का मध्यप्रदेश सरकार सार्थक उपयोग करेगी। श्री चौहान ने कहा कि सभी व्यक्ति विभिन्न विषय के विशेषज्ञ नहीं हो सकते। प्रधानमंत्री श्री मोदी स्वयं विभिन्न विषय पर फीडबेक प्राप्त करते हैं। प्राचीन काल में दरबारों में नवरत्न हुआ करते थे, लेकिन वर्तमान व्यवस्था में विषय-विशेषज्ञ सरकार के लिए रत्नों से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी में पधारे 140 अर्थशास्त्री मध्यप्रदेश सरकार के लिए नवरत्न के समान हैं। इनकी प्रतिभा का उपयोग मध्यप्रदेश के लिए किया जाएगा। इस संगोष्ठी में अर्थशास्त्रियों ने मध्यप्रदेश में गत डेढ़ दशक में अर्जित उपलब्धियों का बखान भी किया और भविष्य के लिए आवश्यक प्राथमिकताओं के संबंध में सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि आगामी 3 जनवरी से विभागवार बैठकें प्रारंभ की जा रही हैं, जिसमें विभागों की योजनाओं और राशि के प्रावधान पर विस्तार से विचार-विमर्श होगा। प्रशासनिक अधिकारी भी बजट तैयार करने के कार्यों में सक्रिय रहते हैं, लेकिन अर्थशास्त्रियों के सुझावों को प्राथमिकता देते हुए प्रदेश के बजट का निर्धारण होगा। जिन सुझावों पर तत्काल अमल संभव नहीं, उन पर दीर्घकालिक योजना में अमल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जनता के कल्याण की प्राथमिकताओं का निर्धारण कर लिया है। प्रदेश को देश का सबसे अच्छा प्रांत बनाने का संकल्प है। प्रदेश ने कृषि उत्पादन बढ़ाने के बाद अब कृषि विविधीकरण की ओर कदम बढ़ाए हैं। विद्यार्थियों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाओं से प्रदेश में लिंगानुपात 914 से बढ़कर 956 तक पहुँच गया है।...////...
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