16-Nov-2024 05:25 PM
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श्रीनगर, 16 नवंबर (संवाददाता) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस नेताओं के इन दावों के बाद कि इसका उद्देश्य राज्य का दर्जा बहाल करना था, शनिवार को जम्मू-कश्मीर सरकार से विधानसभा में पारित प्रस्ताव को स्पष्ट करने का आग्रह किया।
सुश्री मुफ्ती ने मध्य कश्मीर में पत्रकारों से बात करते हुए ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोगों के मन में बहुत सारे सवाल और संदेह पैदा हो गए हैं।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार, जिसे लोगों ने मजबूत जनादेश दिया है, को प्रस्ताव से जुड़ी चिंताओं का समाधान करना चाहिए।
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोग (अनुच्छेद) 370 को एक भावनात्मक मुद्दा मानते हैं। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और विशेष रूप से सरकार को इस मामले को स्पष्ट करने की जरूरत है।”
उनकी टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा गुरुवार को पुणे में कहे जाने के बाद आई है कि अनुच्छेद 370 को बहाल करने की कांग्रेस की मंशा के बारे में भाजपा के दावे “विभाजनकारी और भ्रामक” है।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक कर्रा ने शुक्रवार को कहा कि विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव राज्य का दर्जा बहाल करने पर केंद्रित है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद रुहुल्ला मेहदी ने प्रस्ताव की कांग्रेस की व्याख्या की आलोचना करते हुए तर्क दिया कि उनके गठबंधन सहयोगी को विधानसभा के फैसले की “गलत व्याख्या करने का कोई अधिकार नहीं” है।
सुश्री महबूबा ने दोहराया कि पीडीपी ने विधानसभा सत्र के दौरान ही इन चिंताओं को उठाया था।
उन्होंने कहा, “संकल्प में स्पष्टता का अभाव है। (अनुच्छेद) 370 का उल्लेख इस तरह से किया गया था जो लगभग क्षमाप्रार्थी प्रतीत होता था। 50 सदस्यीय विधानसभा वाली सरकार को 5 अगस्त, 2019 की घटनाओं की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए थी। इसके बजाय इसके स्वर में शर्मिंदगी और आत्मसमर्पण प्रतिबिंबित होता दिख रहा है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस की हालिया टिप्पणियाँ, जिसमें कहा गया है कि यह प्रस्ताव राज्य के दर्जे के बारे में है, न कि अनुच्छेद 370 की बहाली के बारे में, ने जनता में भ्रम बढ़ा दिया है। सुश्री महबूबा ने कहा, “सरकार को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।...////...