01-Jan-2024 07:00 PM
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नयी दिल्ली 01 जनवरी (संवाददाता) कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार को मनरेगा मजदूरों और अन्य वंचित वर्ग के लोगों को उनके सामाजिक कल्याण के लाभों से वंचित करने के लिए प्रौद्याेगिकी, विशेष रूप से आधार को हथियार बनाना बंद करना चाहिए तथा लंबित वेतन भुगतान को जारी करना चाहिए और पारदर्शिता में सुधार के लिए ‘ओपन मस्टर रोल’ एवं ‘सोशल ऑडिट’ लागू करना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव एवं संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने सोमवार को यहां कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) कुल मिलाकर 25.69 करोड़ मनरेगा श्रमिक हैं। इनमें से 14.33 करोड़ श्रमिक सक्रिय माने जाते हैं। दिसंबर 2023 तक, कुल पंजीकृत श्रमिकों में से 1.8 करोड़ आधार आधारित भुगतान लेने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की परेशानियों से अवगत कराने के बावजूद लगातार मोदी सरकार ने अपना प्राैद्योगिकी के साथ विनाशकारी प्रयोग जारी रखा है।
श्री रमेश ने कहा कि नए साल में सबसे ग़रीब करोड़ों भारतीयों को बुनियादी आय से भी वंचित करने के लिए प्रधानमंत्री की ओर से दिया गया एक क्रूर तोहफ़ा है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2022 के बाद से, 7.6 करोड़ पंजीकृत श्रमिकों को हटा दिया गया। मौजूदा वित्त वर्ष के नौ महीनों में 1.9 करोड़ पंजीकृत श्रमिकों को हटाया गया है। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार की ज़ल्दबाज़ी के कारण बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों के नाम ग़लत तरीक़े से हटाए गए हैं।...////...