मोदी को पूर्व अधिकारियों के खुले पत्र के जवाब में लिखा गया खुला पत्र
30-Apr-2022 09:08 PM 5506
नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (AGENCY) देश के 197 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, प्रशासनिक अधिकारियों और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला पत्र लिखकर पूर्व 108 अधिकारियों के उस समूह पर “ खास इरादे पर आधारित राजनीति करने ” का आरोप लगाते हुए उसकी भर्त्सना की है जिसने कांस्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप (सीसीजी) नाम से प्रधानमंत्री को कुछ दिन पहले खुला पत्र लिखकर घृणा की राजनीति समाप्त करने मांग की थी। इन 197 अधिकारियों ने अपने को कंसर्न सिटीजन्स (संवेदनशील नागरिक) के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा है कि किसी समूह की ओर से “खास इरादे से प्रेरित पक्षपातपूर्ण राजनैतिक वक्तव्य को स्वीकार नहीं किया जा सकता।” उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र में कहा है,'हमें, एक संवेदनशील नागरिक होने के नाते नहीं लगता की एक स्वयंभू कांस्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप (सीसीजी) की ओर से प्रधानमंत्री को एक ओर खुला पत्र लिखकर उनसे घृणा की राजनीति समाप्त करने की मांग में कोई गंभीरता है। ” उनका कहना है कि ऐसा बार-बार करके अपने प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहता है और यह साबित करना चाहता है कि वह बड़े ऊंचे सामाजिक सरोकार रखने वाले व्यक्तियों का समूह है जबकि इसके पीछे उनकी मोदी विरोधी राजनीति छुपी है। श्री मोदी को खुला पत्र लिखने वाले कंसर्न सिटीजन्स के समूह की समन्वयक पूर्व राजदूत भास्वती मुखर्जी और पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल अरुण साहनी हैं। इस पर सिक्किम उच्च न्यायालय पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर एस राठौड, पूर्व कृषि सचिव प्रबीर कुमार बसु, रॉ के पूर्व प्रमुख संजीव त्रिपाठी, महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस प्रमुख प्रवीण दीक्षित, पूर्व राजनयिक जे एस सप्रा, पंजाब के पूर्व पुलिस प्रमुख पी सी डोगरा, केरल के पूर्व पुलिस प्रमुख डॉ टी पी सेनकुमार, हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव सुधीर शर्मा, पूर्व लेफ्टिजेंट जनरल वी के चतुर्वेदी और नितिन कोहली, पूर्व एयर मार्शल पी के रॉय, पूर्व एयर वाइस मार्शल आर पी मिश्रा, पूर्व मेजर जनरल डॉ एस एस दसाका के हस्ताक्षर हैं। गौरतलब है कि उनका यह पत्र कांस्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप की तरफ से श्री मोदी को लिखे गए पत्र का जवाब समझा जा रहा है। सीसीजी ने प्रधानमंत्री से उस पत्र में देश में भाजपा शासित राज्यों की 'नफरत की राजनीति को खत्म' करने की अपील की थी। शनिवार को लिखे पत्र में 197 पूर्व अधिकारियों ने कहा है कि सीसीजी के लोग हाल के विधानसभा चुनावों के परिणाम से हताश होकर इस तरह के खुले पत्र लिख रहे हैं। इसके पीछे उनकी पक्षपातपूर्ण राजनीति है।...////...
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