02-May-2024 05:02 PM
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कोल्हापुर (महाराष्ट्र), 02 मई (संवाददाता) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) प्रमुख शरद पवार ने उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘भटकती आत्मा’ वाले तंज के कुछ ही दिन बाद गुरुवार को श्री मोदी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने देश के सर्वोच्च पद पर कलंक लगाया है।
श्री मोदी ने सोमवार को श्री पवार का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए कहा था, “महाराष्ट्र में एक भटकती आत्मा है। यदि यह सफलता हासिल नहीं कर पाता है, तो यह दूसरों के अच्छे काम को बर्बाद कर देता है। महाराष्ट्र इसका शिकार रहा है।”
श्री पवार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “यह आश्चर्य की बात नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुझे ‘भटकती आत्मा’ के रूप में संबोधित करते हैं, क्योंकि देश के प्रधानमंत्री पद की इतनी बदनामी पहले कभी नहीं हुई, जितनी मोदी ने की है।”
उन्नीस सौ 50 के दशक में अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले और केंद्र में कई सरकारों का हिस्सा रहने के अलावा चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे 83 वर्षीय पवार ने कहा, “ मैंने पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और फिर अन्य सभी प्रधानमंत्रियों को देखा और अलग-अलग मौकों पर उनका भाषण सुना है, लेकिन जब श्री मोदी ने ‘अतृप्त आत्मा’ शब्द का इस्तेमाल किया, तो मुझे आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि पहले कभी किसी अन्य प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री पद का इतना अपमान नहीं किया था।”
श्री पवार ने कहा कि श्री मोदी के भाषण तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। उन्होंने कहा, “लोगों को जिन बुनियादी मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, उन पर बोलने की बजाय, वह मनगढ़ंत मुद्दों से मतदाताओं का ध्यान भटकाते हैं। प्रधानमंत्री मुझ पर और उद्धव ठाकरे पर हमला करके संतुष्ट हैं।”
श्री पवार पहले दो चरणों के मतदान प्रतिशत को उजागर करने की गति को धीमा करने के पीछे चुनाव आयोग की मंशा पर संदेह जताते हुए कहा कि महाराष्ट्र में पांच चरण के मतदान की कोई आवश्यकता नहीं है।
राकांपा (सपा) प्रमुख ने अपनी रैलियों में बार-बार यह आरोप लगाकर सामाजिक तनाव पैदा करने का प्रयास करने के लिए भी श्री मोदी की आलोचना की कि अगर इंडिया समूह सत्ता में आया तो धर्म के आधार पर आरक्षण लाया जायेगा। उन्होंने कहा, “धर्म के आधार पर आरक्षण देने की अवधारणा हमें (विपक्ष को) स्वीकार्य नहीं है और अगर मोदी ऐसा आरक्षण देने की कोशिश करेंगे तो हम सभी इसका विरोध करेंगे।”
श्री पवार ने श्री मोदी की इस आलोचना पर कि अगर इंडिया समूह सत्ता में आयी तो पांच साल में पांच प्रधानमंत्री होंगे, याद दिलाया कि 1977 में जब जयप्रकाश नारायण के आंदोलन के बाद कांग्रेस हार गयी थी, तब भी इसी तरह के सवाल उठाये गये थे लेकिन सभी विपक्षी नेताओं के विचार-विमर्श के बाद मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री चुने गये थे। ऐसे में इंडिया समूह के लिए भी कोई समस्या नहीं होगी।
उन्होंने कहा, “हम गठबंधन के सभी दलों से चर्चा करने के बाद फैसला लेंगे और ‘प्रधानमंत्री कौन होगा’ का यह तथाकथित विवाद हमसे ज्यादा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिमाग में है।”
श्री पवार ने यह भी चेतावनी दी कि अगर चुनाव के बाद अपेक्षित परिणाम नहीं आये तो भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (एपी) को अपना असली चेहरा दिखाएगी।
श्री पवार ने गुजरात के सफेद प्याज के निर्यात जैसे केंद्र सरकार के कई फैसलों की आलोचना की और उसे अन्याय करार दिया। श्री मोदी के इस दावे पर कि गन्ने का एफआरपी 300 रुपये प्रति टन बढ़ाया गया है, उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने गन्ना उत्पादक किसानों को गारंटी दरें दी थीं, जिन्हें उस शासन के तहत गन्ने के लिए अच्छी दरें मिली थीं।...////...