मोदी ने कोरोना से निपटने में गांव-किसान की भूमिका को सराहा, पंचायत प्रतिनिधियों को बताए विकास के नुस्ख़े
11-Mar-2022 07:03 PM 7451
अहमदाबाद, 11 मार्च (AGENCY) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने गृह राज्य गुजरात में आयोजित पंचायत महासम्मेलन के दौरान प्रदेश भर के डेढ़ लाख से अधिक स्थानीय निकाय प्रतिनिधियों को विकास के छोटे मगर कारगर नुस्ख़े बताए और इन पर अमल करने का वचन लिया। उन्होंने कोरोना की महामारी के क़दम थामने के मामले में देश भर के गांवों की भूमिका भरपूर सराहना भी की। श्री मोदी ने यहां जीएमडीसी मैदान पर आयोजित गुजरात पंचायत महासम्मेलन में हिंदी और गुजरात में अपने खिचड़ी सम्बोधन के दौरान कहा कि लोकतंत्र में जिसका भी विश्वास है उसे स्थानीय शासन की व्यवस्थाओं को बल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना ने दुनिया के हर कोने में हमला किया और दो साल तक पूरी दुनिया को हिला दिया। पर भारत के गांवों ने इससे निपटने में जिस तरह की सूझ बूझ दिखायी उससे गांवों तक पहुंचते पहुंचते मानों इस बीमारी के मुंह में झाग आ गया। गुजरात और देश भर के गांवों ने कोरोना के दौरान जो अद्भुत व्यवस्था विकसित की और इसे गांवों में घुसने में सफलता पूर्वक रोकने का काम किया, उसके लिए वह ग्रामीण नेताओं को लाख-लाख अभिनंदन करते हैं। श्री मोदी ने कोरोना काल के दौरान किसानों के जज़्बे की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि किसानों ने कोरोना काल में भी मेहनत कर देश के अन्न भंडार में कमी नहीं आने दी। श्री मोदी ने गुजरात की पंचायती राज व्यवस्था को पूरे देश के लिए एक उदाहरण बताया और बिना चुनाव के आपसी सहमति से चुने जाने वाले समरस पंचायत तथा महिला प्रतिनिधियों की अधिक संख्या जैसी विशिष्टताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उनसे पूर्व में मिली एक महिला प्रतिनिधि की अनुकरणीय इच्छा की तर्ज़ पर अगर देश भर के गांव के पंचायत प्रतिनिधि यह ठान लें कि उनके गांव में भी कोई भी ग़रीब ना रहे तो देश से ग़रीबी दुम दबा कर भाग जाएगी। प्रधानमंत्री ने वहां उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों को गांव के स्कूलों तथा गांव का जन्मदिन मनाने, आज़ादी के अमृत साल यानी 75 वें साल में हर गांव में 75 पेड़ों का छोटा बाग़ीचा लगाने, धरती की उर्वरा शक्ति को नुक़सान पहुंचाने वाले ज़हरीले रसायनों के बिना जैविक अथवा प्राकृतिक खेती करने वाले 75 किसानों का दल बनाने, बोरी-बांध जैसे उपाय से भूगर्भ जल का स्तर उठाने, पशुओं को खुरपका रोग का टीका दिला उनकी उत्पादकता बढ़ाने, बिजली की बचत के लिए एलईडी बल्ब का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने, गांव में रहने वाले सेवानिवृत सरकारी कर्मियों से उनके अनुभव का लाभ लेने, बच्चों के स्कूल से बाहर होने से रोकने जैसे विकास के छोटे मगर कारगर नुस्ख़े बताये। उन्होंने उनसे इनका पालन करने का वचन भी लिया। श्री मोदी ने महिला सरपंचों के पतियों के उनका काम करने की अनौपचारिक व्यवस्था पर तंज करते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि महिलायें स्वयं अपना काम करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि कल चार राज्यों में दुबारा भाजपा की सरकार बनना लोकतंत्र की बढ़ी ताक़त और लोगों की इसमें जागरूकता को दर्शाता है।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - mpenews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^