नाना पाटेकर को गांव में रहना अच्छा लगता है
11-Dec-2024 04:15 PM 7554
मुंबई, 11 दिसंबर (संवाददाता) बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर को गांव में रहना अच्छा लगता है।इस शुक्रवार, महानायक अमिताभ बच्चन की मेज़बानी वाले कौन बनेगा करोड़पति 16 में, फिल्म वनवास के कलाकार नाना पाटेकर, उत्कर्ष शर्मा, सिमरत कौर और लेखक-निर्देशक अनिल शर्मा शो की शोभा बढ़ाने पहुचेंगे। इस शाम का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध कलाकार नाना पाटेकर का हॉटसीट पर बैठना है, जो अपनी आकर्षक कहानियों और ज्ञान से दर्शकों को मंत्रमुग्ध देते हैं, और अमिताभ बच्चन के साथ अपने लाजवाब सफर के किस्से और बॉन्ड को साझा करते हैं।नाना पाटेकर से अमिताभ बच्चन ने पूछा कि उन्हें कब एहसास हुआ कि उन्हें अपने गांव में रहना चाहिए। नाना ने जवाब दिया, मैं इंडस्ट्री से नहीं हूं। मैं एक गांव से हूं और यहां काम करके फिर वापस चला जाता हूं। मैं गांवखेड़ा का हूं, और वहीं का रहूंगा, वहीं अच्छा लगता है।अभी जब मैं यहां सेट पर रूम के अंदर गया, तो मैंने मिस्टर बच्चन से पूछा, “आप इतना काम क्यों करते हैं? एक हफ्ते के लिए गांव में रहिए। कमाल का सुकून है वहां। उन्होंने मुझे बताया कि वह दिन में 12 घंटे काम करते हैं, और मैं इसके लिए उनके सामने नतमस्तक हूं।अमिताभ बच्चन ने फिर नाना पाटेकर से पूछा कि उनके गांव में एक दिन कैसा होता है। इसपर नाना ने कहा, मैं सुबह उठता हूं, मैंने वहां अपना जिम बनाया है। मेरे पास दो गाय और एक बैल है, किसी और चीज की ज़रूरत नहीं है। मैं खुद ही सब काम करता हूं।नाश्ता, लंच मैं अपना सारा खाना खुद पकाता हूं। असल में, मैं एक बहुत अच्छा कुक हूं। मैंने एक बार सोचा था कि यदि मेरा फिल्मी करियर नहीं चला, तो मैं एक छोटा सा होटल खोल लूंगा। लेकिन मैंने जितना सोचा था, ज़िंदगी ने मुझे उससे कहीं अधिक दिया है, अमित जी। मेरी ज़रूरतें सरल हो गई हैं। शाम को, मेरे पास किताबें होती हैं। कुछ मैंने पढ़ी हैं, कुछ नहीं। मेरी चार-पांच अलमारियां किताबों से भरी हुई हैं। शहर में, हमारे पास दीवारें हैं; मेरे गांव में, मेरे चारों ओर पहाड़ हैं, और मैं इन सबके ठीक बीच में रहता हूं। इतना आसान है ज़िंदगी। कोई अलार्म घड़ी नहीं है। सुबह पक्षी मुझे जगाते हैं, और मोर भी हमारे पास आते हैं।अमिताभ बच्चन, नाना पाटेकर से कहते हैं, आपने सचमुच मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया है। मैं आपसे मिलने ज़रूरत आऊंगा। नाना पाटेकर ने जवाब दिया, बेशक, बिल्कुल आइए। मैं हमेशा अपने दोस्तों से कहता हूं कि यह घर सिर्फ मेरा नहीं है, यह आपका भी है। यहां घर जैसा लगता है, इसलिए आइए और रहिए।...////...
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