11-Jan-2024 05:43 PM
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पटना 11 जनवरी (संवाददाता) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘बिहार ने दिखाई राह’ थीम पर केंद्रित नववर्ष की डायरी एवं कैलेंडर का आज लोकार्पण किया, जिसमें उन योजनाओं को प्रदर्शित किया गया है जिनमें राज्य अग्रणी रहा है तथा जिनकी सफलता को देखते हुए कई अन्य स्थानों पर इनका अनुसरण किया जा रहा है।
श्री कुमार ने गुरुवार को यहां एक, अणे मार्ग स्थित ‘सकंल्प‘ में बिहार सरकार के सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित बिहार डायरी 2024 एवं कैलेंडर 2024 का लोकार्पण कर राज्य की जनता को समर्पित किया। कैलेडंर ‘बिहार ने दिखाई राह’ थीम पर केंद्रित है। इसमें उन योजनाओं को प्रदर्शित किया गया है, जिनमें बिहार अग्रणी राज्य रहा है तथा जिनकी सफलता को देखते हुए कई अन्य स्थानों पर इनका अनुसरण किया जा रहा है।
जनवरी माह के पृष्ठ पर महिला सशक्तीकरण थीम को दर्शाया गया है। महिलाओं को सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनैतिक रूप से सबल बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री कुमार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। इसी क्रम में वर्ष-2006 से पंचायती राज संस्थानों एवं वर्ष-2007 से नगर निकायों के निर्वाचन में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। साथ ही प्राथमिक शिक्षक नियोजन में 50 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित है। इसके अलावा पुलिस बल में सिपाही से अवर निरीक्षक तक के पदों पर सीधी नियुक्ति में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में बिहार में महिला पुलिस की संख्या देश भर में अव्वल है। ‘आरक्षित रोजगार, महिलाओं का अधिकार’ निश्चय के तहत सभी सरकारी सेवाओं में सभी प्रकार के पदों पर सीधी नियुक्ति में महिलाओं को 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जा रहा है। राज्य की मेडिकल तथा इंजीनियरिंग एवं स्पोर्टस यूनिवर्सिटी से संबद्ध शिक्षण संस्थानों के नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित किये गये हैं। महिला सशक्तीकरण का यह कदम पूरे देश में अभूतपूर्व है।
फरवरी माह के पृष्ठ पर बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘जीविका’ को दर्शाया गया है। यह परियोजना बिहार में महिलाओं के विकास, सशक्तीकरण एवं ग्रामीण गरीबी उन्मूलन के लिए कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों का नामकरण ‘‘जीविका‘‘ किया। जीविका के अंतर्गत अब तक 10 लाख 47 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है जिसमें एक करोड़ 30 लाख से भी अधिक महिलाएं जुड़कर जीविका दीदियां बन गई हैं।
मार्च माह के पृष्ठ पर कृषि रोड मैप को दर्शाया गया है जो मुख्यमंत्री श्री कुमार के विजन का परिणाम है। कृषि के समेकित विकास और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए राज्य में कृषि रोड मैप बनाकर योजनाएं चलाई जा रही हैं। कृषि रोडमैप जैसी योजना चलाने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। वर्ष 2008 में प्रथम कृषि रोडमैप की नींव रखी गयी थी। इसमें गुणवत्तापूर्ण बीज, नये कृषि यंत्र, हरी खाद, वर्मी कम्पोस्ट तथा कृषि की नये तकनीकों को प्राथमिकता दी गयी थी। वहीं, दूसरे एवं तीसरे कृषि रोडमैप का व्यापक विजन रखा गया - प्रत्येक भारतीय के थाल में बिहार का एक व्यंजन। तीसरे कृषि रोडमैप के क्रियान्वयन से राज्य में धान, गेहूं एवं मकई की उत्पादकता पहले के मुकाबले दोगुनी हो गई है। साथ ही दूध, अंडा, मांस एवं मछली उत्पादन में काफी वृद्धि हुई तथा बिहार इन क्षेत्रों में लगभग आत्मनिर्भर हो गया है। अब अगले पांच वर्षों (वर्ष 2023 से 2028) के लिए चतुर्थ कृषि रोड मैप की शुरूआत की गई है।...////...