ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के नेता पर बीजद सदस्य की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाया
30-Sep-2023 11:42 PM 7437
भुवनेश्वर, 30 सितंबर (संवाददाता) ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष प्रमिला मल्लिक ने शनिवार को विपक्ष के नेता जय नारायण मिश्रा पर बीजू जनता दल के सदस्य अरुण साहू की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाया। श्री साहू की टिप्पणी पर भाजपा सदस्यों ने सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न की और सदन के कामकाज को ठप कर दिया। अध्यक्ष को भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण सदन की कार्यवाही को पांच बार स्थगित करना पड़ा, भोजनावकाश से पहले एक बार और भोजनावकाश के बाद चार बार। भोजनावकाश से पहले के सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका क्योंकि भाजपा सदस्यों ने अपने दो सदस्यों मोहन चरण माझी और मुकेश महालिंग का निलंबन समाप्त करने और श्री साहू द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग को लेकर हंगामा किया, जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 बजकर 31 मिनट पर शाम 1600 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। मोहन मांझी और मुकेश महालिंग को अध्यक्ष के आसन पर कथित रूप से दाल फेंकने के बाद निलंबित किया गया था। अरुण साहू ने नेता प्रतिपक्ष जयनारायण मिश्रा के मानसिक स्वास्थ्य पर कुछ टिप्पणी की थी, जब विपक्ष के नेता मिश्रा और कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने 5टी सचिव के राज्यव्यापी दौरे और मुख्यमंत्री के बयान पर सवाल उठाया। शाम 1600 बजे जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो भाजपा सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर सदन के बीचोंबीच अपना विरोध जारी रखा। शोर-शराबे के बीच कांग्रेस सदस्यों तारा प्रसाद बहिनीपति और संतोष सिंह सलूजा ने कहा कि विरोध के कारण वे लोअर पीएमजी एरिया में विभिन्न संगठनों द्वारा अपनी मांगों को लेकर शुरू किए गए आंदोलन का मुद्दा नहीं उठा सके और अध्यक्ष से इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शाम 16 बजकर 10 मिनट पर शाम 17 बजकर 10 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी और सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसके बाद सदन की कार्यवाही तीन बार 18 बजकर 22 बजे तक स्थगित की गई। स्थगन के बाद अध्यक्ष ने विपक्ष के नेता पर अरुण साहू द्वारा की गई टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटा दिया। लेकिन भाजपा सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि टिप्पणी को सदन की कार्यवाही हटाना ही पर्याप्त नहीं है और उन्होंने अध्यक्ष से साहू को उनकी टिप्पणी के लिए माफी मांगने का निर्देश देने और अपने दो सदस्यों का निलंबन वापस लेने की अपनी मांग दोहराई और अपना विरोध जारी रखा। इस बीच, कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया कि सदन नियमानुसार नहीं चल रहा है और सदन से वॉकआउट किया। भाजपा सदस्यों के विरोध के बीच चर्चा में नहीं लिए गए विभागों के व्यय का अनुपूरक विवरण गिलोटिन के माध्यम से पारित किया गया और विभिन्न समिति की रिपोर्ट और कागजात सदन में रखे गए।...////...
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