पद्मश्री उमाशंकर पाण्डे ने सूखे बुंदेलखंड क्षेत्र में बिना सरकारी मदद के की जलक्रांति
10-Feb-2024 07:15 PM 8471
झांसी 10 फरवरी (संवाददाता) उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त क्षेत्र बुंदेलखंड के बांदा जिले के जखनी गांव के उमाशंकर पाण्डे ने बिना किसी तरह की सरकारी मदद से सामुदायिक आधार पर परंपरागत जल संरक्षण पद्धति को अपनाकर इस क्षेत्र में ऐसी जलक्रांति की कि बुंदेलखंड के सातों जिलों से पिछले वर्ष सरकार ने चावल और गेंहू की बड़ी मात्रा में खरीद की है। जलसंरक्षण के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम कर “ खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़ ” का मंत्र देने वाले जलयोद्धा उमाशंकर पाण्डे ने यूनीवार्ता के साथ शनिवार को विशेष बातचीत में बताया कि यह वही बुंदेलखंड है जहां कभी मालगाड़ी से दिल्ली से पानी आया था। बांदा से चित्रकूट के मानिकपुर पाठा क्षेत्र के लिए ट्रेन के टैंकर से कभी पानी जाता था। आज उसी चित्रकूट के सूखाग्रस्त पाठा क्षेत्र की मऊ और राजापुर तहसील में किसान बासमती चावल उगा रहे हैं और यहां धान और गेंहू की खरीद के लिए सरकारी केंद्र खोले गये हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार ने 15 जून 2023तक दो लाख चार हजार मीट्रिक टन गेंहू खरीदा जिसमें से केवल बुंदेलखंड के सात जिलों का ही योगदान 75 हजार 270 मीट्रिक टन का रहा। चित्रकूट मंडल के चार जिलों से 41076 मीट्रिक टन गेंहू खरीदा गया और यह उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा वहीं दूसरी ओर बुुंदेलखंड का ही झांसी मंडल दूसरे स्थान पर रहा और यहां से सरकार ने 34197 मीट्रिक टन गेंहू खरीदा।...////...
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