पहली तिमाही की वृद्धि 7.1 प्रतिशत तक रह सकती है: एसबीआई आर्थिक अनुसंधान प्रभाग
26-Aug-2024 06:36 PM 6935
नयी दिल्ली, 26 अगस्त (संवाददाता) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के आर्थिक अनुसंधान प्रभाग का अनुमान है कि अच्छी वर्षा के बीच कृषि क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन के साथ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि सालाना आधार पर 7.1 प्रतिशत रहेगी। रविवार को जारी इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वृद्धि का आंकड़ा इससे कम भी रह सकता है। रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4.5 से 5.0 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच कंपनियों का मार्जिन प्रभावित हो रहा है लेकिन मुद्रास्फीति के दबाव में कमी से ब्याज नीति में उदारता की गुंजाइश पैदा हुई है। बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ सौम्य कांति घोष द्वारा लिखी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) कम होगा, कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर में उछाल आएगा। जीडीपी की गणना करते समय वस्तु और सेवाओं पर कर को जोड़ दिया जाता है और सरकारी सब्सिडी घटा दी जाती है। एसबीआई नाउकास्टिंग मॉडल (अब तक प्रकाशित नियमित आर्थिक आंकड़ों पर आधारित मॉडल) के आधार पर वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून , 2024) में जीडीपी वृद्धि 7.0-7.1 प्रतिशत के दायरे में रह सकती है, साथ ही संभावना इसके इससे नीचे रहने की भी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली तिमाही में जीवीए नीचे खिसक कर 6.7-6.8 प्रतिशत के दायरे में रह है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक विकास का दृष्टिकोण अनिश्चित बना हुआ है, लेकिन नरम होती मुद्रास्फीति ने ब्याज नीति को दार किये जाने की गुंजाइश बनाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विनिर्माण क्षेत्र में कर्मचारियों की लागत में मामूली वृद्धि हुई है, लेकिन कंपनियों की ऋण की किस्तें चुकाने की क्षमता मजबूत बनी हुई है। इस पृष्ठभूमि में कंपनियों का लाभ मार्जिन घटा है जिससे विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर पर प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है। रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि देश की लगभग 4000 सूचीबद्ध कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अपनी परिचालन आय और शुद्ध लाभ में करीब करीब नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी । हालांकि, रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा क्षेत्र की कंपनियों को निकाल दें तो बाकी क्षेत्र की कंपनियों का एबिडटा (ब्याज, मूल्य ह्रास, कर तथा कर्ज परिसमापन के प्रावधानों के पहले का लाभ एक साल पहले की इसी अवधि से एक प्रतिशत गिरा है जबकि एक साल पहले इसमें 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों के जीवीए में पहली तिमाही में लगभग 10.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले साल इसी दौरान उनका जीवीए पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में आधार पर 17 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 26 प्रतिशत बढ़ा था। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार इस अध्ययन में शामिल कंपनियों का कुल एबिडटा मार्जिन भी चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में लगभग एक प्रतिशत अंक गिर गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि , “सकारात्मक पक्ष यह है कि जून में खराब प्रदर्शन के बाद, जुलाई की शुरुआत से दक्षिण-पश्चिमी मानसून ने गति पकड़ी, जिससे कमी पूरी हो गई। 25 अगस्त तक, संचयी वर्षा दीर्घकालिक औसत से पांच प्रतिशत अधिक थी, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान औसत से साज प्रतिशत कम थी। अच्छी वर्षा के चलते 20 अगस्त, 2024 तक कुल खरीफ बोया गया क्षेत्र 10.31 करोड़ हेक्टेयर (पूरे सीजन के सामान्य क्षेत्र का 94 प्रतिशत) था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2.0 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है, “ हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25 में कृषि वृद्धि दर बढ़ कर 4.5-5 प्रतिशत तक हो जायकगी, जो रिजर्व बैंक के पूर्वानुमान से लगभग प्रतिशत 0.30 अंक अधिक है।...////...
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