पीठासीन अधिकारियों को अब मतदान खत्म होते ही केंद्र पर से डाटा अपडेट करना होगा: आयोग
03-Jun-2025 09:59 PM 5554
नयी दिल्ली, 03 जून (संवाददाता) चुनाव आयोग मतदान के आंकड़े अद्यतन करने की एक नयी व्यवस्था करने जा रहा है जिसमें प्रत्येक मतदान केंद्र का पीठासीन अधिकारी (पीआरओ) को मतदान बंद होने के बाद तुरंत, मतदान केंद्र छोड़ने से पहले मतदान के आंकड़े आयोग के एकीकृत डिजिटल ऐप ‘ईसीआईएनईटी’ में दर्ज करना होगा, ताकि क्षेत्र-वार मतदान प्रतिशत की सूचना में विलम्ब कम से कम हो। यह व्यवस्था बिहार विधान सभा चुनाव के साथ शुरू की जायेगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेद्र कुमार के नेतृत्व में आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया को अधिक चाक-चौबंद, मतदाताओं और हितधारकों के अनुकूल बनाने के लिए निरंतर की जा रही पहलों के बीच आयोग का यह निर्णय आखिरी दो घंटों के मतदान प्रतिशत को जारी होने में विलम्ब को लेकर पार्टियों और प्रत्याशियों द्वारा प्राय: उठाये जाने वाले सवालों के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण फैसला है। आयोग के एक अधिकारी ने कहा, “ अभी तक पीठासीन अधिकारी अपने-अपने मतदान केंद्र पर हुए मतदान का पूरा विवरण निर्धारित प्रारूप में प्रत्याशियों के एजेंटों को बाकायदा उपलब्ध कराने के बाद इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) जमा कराने की जगह पर मशीन जमा करने के बाद अंतिम आंकड़े अपडेट करते हैं। अब उन्हें मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद, मतदान केंद्र छोड़ने से पहले डाटा ईसीआईएनईटी ऐप पर अपडेट करना होगा। आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि यह नयी प्रक्रिया बिहार विधान सभा चुनाव के साथ लागू होगी। बिहार में अक्टूबर में चुनाव कराये जाने हैं। आयोग की विज्ञप्ति में कहा गया है, “ मतदान प्रतिशत के रुझान अक्सर घंटों बाद अपडेट किए जाते थे, जो देर रात या अगले दिन आने वाले भौतिक रिकॉर्ड पर आधारित होते थे, जिससे 4-5 घंटे या उससे अधिक की देरी होती थी, जिससे कुछ लोगों में गलतफहमी पैदा हो जाती थी। ” इस नयी पहल के तहत, प्रत्येक मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी (पीआरओ) अब मतदान के दिन हर दो घंटे में नये ईसीआईएनईटी ऐप पर सीधे मतदाता मतदान दर्ज करेंगे, ताकि अनुमानित मतदान रुझानों के अपडेट में समय अंतराल को कम किया जा सके। इसे निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर स्वचालित रूप से एकत्रित किया जायेगा। अनुमानित मतदान प्रतिशत रुझान पहले की तरह हर दो घंटे में प्रकाशित होते रहेंगे। आयोग ने कहा है, “ मतदान के बाद मोबाइल डाटा नेटवर्क कनेक्टिविटी के अधीन अपडेट किए गए मतदान के आंकड़े ‘वीटीआर ऐप’ पर मतदान का अनुमानित प्रतिशत निर्वाचन क्षेत्रवार उपलब्ध होगा ... यह अपडेटेड वीटीआर ऐप बिहार चुनाव से पहले ईसीआईनेट का अभिन्न अंग बन जायेगा। ” जहाँ मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है, वहां प्रविष्टियां ऑफ़लाइन की जा सकती हैं और कनेक्टिविटी बहाल होने के बाद सिंक की जा सकती हैं। चुनाव नियम, 1961 के नियम 49 एस के वैधानिक ढांचे के तहत, पीठासीन अधिकारियों (पीआरओ) को मतदान एजेंटों को दर्ज किये गये वोटों का विवरण देते हुए फॉर्म 17 सी प्रस्तुत करना आवश्यक है। आयोग ने कहा है कि यह व्यवस्था पहले की तरह बनी रहेगी। महाराष्ट्र विधान सभा के पिछले चुनाव में विपक्ष ने आखिरी घंटे के आंकड़ों को लेकर आयोग से शिकायत की थी। आयोग ने उसका विस्तृत जवाब देते हुए उसे खारिज कर दिया था। पहले, मतदाता मतदान डेटा सेक्टर अधिकारियों द्वारा मैन्युअल रूप से एकत्र किया जाता था और फोन कॉल, एसएमएस या मैसेजिंग ऐप के माध्यम से रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) को रिले किया जाता था। यह जानकारी हर दो घंटे में एकत्र की जाती थी और वोटर टर्नआउट (वीटीआर) ऐप पर अपलोड की जाती थी। आयोग ने पिछले महीने के शुरू में कहा था कि ईसीआई शीघ्र ही हितधारकों के लिए एकल-बिंदु ऐप लॉन्च करेगा।...////...
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