27-May-2022 09:40 PM
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(अभिषेक कपिल से)
नयी दिल्ली, 27 मई (AGENCY) स्टार्ट-अप फ्लाई कैंप भारत ड्रोन महोत्सव में लोगों को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है और ड्रोन के बारे में तकनीकी और इसके उपयोग की भी जानकारी दे रहा है।
भारत ड्रोन महोत्सव का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान में 27 और 28 मई को किया जा रहा है। इस महोत्सव में विभिन्न ड्रोन निर्माता और इससे जुड़ी तकनीक उपलब्ध कराने वाली कंपनियां और स्टार्ट-अप एक छत के नीचे फर्म से फर्म के बीच उद्यमियों से मिल रही है। इसमें आम नागरिक और छात्र भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं।
स्टार्ट-अप फ्लाई कैंप महोत्सव में आने वाले लोगों को एक नये तरह का अनुभव प्रदान कर रहा है। इसमें वह अपने रेसिंग ड्रोन को उड़ाने का प्रशिक्षण प्रदान करते हुए आम लोगों को उसे उड़ाने का अवसर भी दे रहा है।
देश में ड्रोन बाजार पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है, आम लोग अभी इसकी पहुंच से दूर हैं। ड्रोन की महंगी कीमतें भी इसका एक बड़ा कारण है। ऐसे में ड्रोन को उड़ाने का अनुभव आम लोगों के लिए बेहद खास बन रहा है और
स्टार्ट-अप की इसके लिए सराहना कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत ड्रोन महोत्सव का उद्घाटन किया। इन मौके पर उन्होंने कहा कि देश में वैश्विक ड्रोन हब बनने की क्षमता है। श्री मोदी ने कहा,“ ड्रोन टेक्नॉलॉजी को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वो अद्भुत है। ये जो ऊर्जा नज़र आ रही है, वह भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है। ये भारत में रोजगार सृजन के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती है। ”
फ्लाईकैंप की शुरुआत करीब चार वर्ष पहले हुयी थी जो इस क्षेत्र में लगातार प्रयास कर लोगों को ड्रोन से जोड़ रहा है।
ड्रोन उड़ाकर आए एक व्यक्ति ने बताया कि इसे उड़ाने का अनुभव बेहद खास है और उसने पहली बार अपने जीवन में ड्रोन उड़ाया है। उसने कहा, “मैने अकसर टेलीविजन में ड्रोन को देखा था। आज इसे खुदसे उड़ाकर बेहद अच्छा लग रहा है और इसकी बारे में विभिन्न जानकारियां भी प्राप्त हुई हैं। ”
फ्लाई कैंप की सदस्य समता हेगडे ने कहा,“ रेसिंग ड्रोन देश में अपनी तरह का पहला कॉन्सेप्ट है, हमने अपने ड्रोनों को तय गति और सीमा के हिसाब से तैयार किया है जिसमें आम जनता आसानी से इन्हें उड़ा सकती हैं। यहां आपको सबसे पहले दो मिनट का प्रशिक्षण दिया जाता है और इसके बाद ड्रोन को उड़ाने वाली जगह पर ले जाया जाता है। इसमें एक पायलट आपके साथ होता है जो ड्रोन उड़ाने में आपकी मदद करता है। ”
उन्होंने कहा कि इन ड्रोनों के निर्माण में करीब 90 हजार से एक लाख रुपये का खर्च आता है। यह रेसिंग ड्रोन ज्यादातर लोगों की रुचि के लिए हैं जिसमें वह वीडियो एवं फिल्म निर्माण और रेसिंग में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। ड्रोन उड़ाने के शुरुआती प्रशिक्षण में भी इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
हेगडे ने कहा, “ फ्लाई कैंप की भविष्य में एक ड्रोन स्कूल खोलने की योजना है जिसमें वह ज्यादा से ज्यादा छात्रों को इसका प्रशिक्षण दे सके। स्कूल का मकसद छात्रों और उद्योग के बीच खाई को कम करना होगा।...////...