राहुल सिख समुदाय के बारे में बात करने से पहले सिख हत्यारों को पार्टी से निकालें: सुखबीर बादल
05-May-2025 09:37 PM 1343
चंडीगढ़ 05 मई (संवाददाता) शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेसी नेता के कथित शब्द सिख भावनाओं के प्रति उनके असंवेदनशील आचरण को दर्शाते हैं। अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि श्री गांधी को पहले उन बुनियादी सवालों का जवाब देना चाहिए, जो हर सिख पूछता है। उन्होंने कहा, “ कांग्रेसी नेता अभी भी न केवल हजारों निर्दोष सिखों के हत्यारों को बचाने बल्कि उन्हे पार्टी में अहम पदों से पुरस्कृत करना क्यों जारी रखे हुए हैं। उन्होंने पूछा कि क्या वास्तव में उन्हें पता नहीं कि 1984 में हमारे समुदाय के कत्लेआम के लिए कौन जिम्मेदार है। ” श्री गांधी के इस दावे का जिक्र करते हुए कि जब उनकी पार्टी और उनके पूर्वजों ने सिखों के खिलाफ इन अपराधों को अंजाम दिया तो वह नाबालिंग थे, उन्होंने कहा, “ यह सच है कि वह उस समय नाबालिग थे। लेकिन अब वे 55 साल के हो चुके हैं। वे पिछले 37 वर्षों या उससे भी अधिक समय से वयस्क हैं और इन सभी वर्षों में वे चुप रहे। सिखों के खिलाफ अपने पूर्वजों और उनके सहयोगियों के पापों के बारे में बात शुरू करने में उन्हे 35 साल क्यों लग गए। अब वे दोषियों का नाम लेने का नैतिक साहस दिखाएं बिना सिखों से माफी का एक भी शब्द कहें बिना कैसे बात करते हैं और क्यों। ” श्री बादल ने पूछा कि क्या कांग्रेसी नेता नवंबर 1984 में सिखों के कत्लेआम में अपने पिता दिवंगत राजीव गांधी की भूमिका को स्वीकार करेंगें और उनके शब्द ‘जब एक बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती कांपती ही है जैसा हैरान करने वाला बयान दिया था।’ उन्होंने पूछा, “ क्या इससे ज्यादा कोई बेरहम हो सकता है। ” श्री बादल ने श्री गांधी द्वारा सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब की यात्रा के संदर्भ में की गई टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “ आप ऐसे बात क्यों कर रहे हैं, जैसे आपने हमारे पवित्र स्थान पर माथा टेककर हम पर या हमारे धार्मिक स्थान पर कोई एहसान किया है। यहां तक कि इंदिरा गांधी सहित अन्य अधिकारी भी सेना को हमले का आदेश देने के बाद हमारे पवित्रतम स्थान पर गए थे। क्या यह भी हम पर यां हमारे धार्मिक स्थान पर कोई एहसान था। ” अकाली दल अध्यक्ष ने कहा, “ राहुल को पहले सज्जन कुमार, कमल नाथ और जगदीश टाइटलर जैसे लोगों को अपनी पार्टी से बाहर निकालना चाहिए। इस समय भी 1984 के ये दोषी लोग अभी भी उनके इर्द-गिर्द सत्ता और सम्मान का आनंद उठा रहे हैं। इससे साफ पता चलता है कि उनके शब्द कितने खोखले हैं।...////...
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