राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस का लाेकार्पण किया शाह ने
08-Mar-2024 09:47 PM 1785
नयी दिल्ली 08 मार्च (संवाददाता) केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यहां राष्‍ट्रीय सहकारी डेटाबेस का लोकार्पण और ‘राष्‍ट्रीय सहकारी डेटाबेस 2023 एक रिपोर्ट’ का विमोचन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बी एल वर्मा और सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। श्री शाह ने इस मौके पर कहा कि सहकारिता क्षेत्र, इसके विस्तार और इसे मज़बूत करने के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण पहल के तहत 75 वर्ष बाद पहली बार सहकारिता डेटाबेस का लोकार्पण हो रहा है। उन्होंने कहा कि हज़ारों लोगों के दो साल तक किए गए परिश्रम के बाद यह सफलता मिली है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि 60 के दशक के बाद ये ज़रूरत महसूस की गई कि एक राष्ट्रीय नीति के तहत हर राज्य के सहकारिता आंदोलन के बीच समन्वय हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साहसिक फैसला लेकर उसे अंजाम तक पहुंचाते हुए केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्ष में देश की सभी प्राथमिक कृषि ऋण समिति, पैक्स डिजिटल हो गयी हैं, उनके कारोबार में वृद्धि के लिए सभी राज्यों ने समान नियम स्वीकार किए हैं और सभी पैक्स विकास की दिशा में बढ़ रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आदर्श नियम बनाए हैं जिनके तहत पैक्स बहुआयामी बनकर कई काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के सभी राज्यों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इन नियमों को स्वीकार किया है और इसी से पैक्स के विस्तार का रास्ता खुला है। उन्होंने कहा कि 20 नई गतिविधियों को पैक्स के साथ जोड़ा गया है जिससे पैक्स मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पैक्स के कम्प्यूटरीकरण से इनके विकास की कई संभावनाएं खुलीं और यह तय किया गया है कि 2027 से पहले देश की हर पंचायत में एक पैक्स होगा। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के बाद समस्या आई कि कमियों का पता नहीं चल रहा था, तब इस डेटाबेस का विचार आया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डेटाबेस सहकारिता क्षेत्र के विकास को दिशा सूचक की तरह दिशा दिखाएगा। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के ग्रामीण अर्थतंत्र और जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाने और पिछले 10 वर्ष में देश के 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि करोड़ों लोगों को देश के अर्थतंत्र और विकास के साथ जोड़ने का काम सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस कोऑपरेटिव डेटाबेस से सहकारिता का विस्तार, डिजिटल माध्यम से डेवलपमेंट और डेटाबेस से डिलिवरी का काम होगा। उन्होंने कहा कि डेटा, डेवलपमेंट को सही दिशा देने का काम करता है और कमी का विश्लेषण करने में ये बहुत कारगर सिद्ध होगा।...////...
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