28-Feb-2022 07:11 PM
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चंडीगढ़, 28 फरवरी (AGENCY) हरियाणा सरकार ने 11 वैज्ञानिकों को आज सम्मानित किया जिनमें दो महिलाएं भी हैं। राज्य में इतिहास में यह पहली बार है जब महिला वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया है।
राजभवन में आयोजित एक समारोह में वैज्ञानिकों को सम्मानित करने के बाद राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुसार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का स्कूल स्तर पर तंत्र विकसित करने से देश को विश्व स्तर पर इस क्षेत्र में नईं पहचान मिलेगी। इससे ‘नया भारत और आधुनिक भारत‘ का स्वरूप तैयार होगा। इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा गृह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल विज भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा की महिलाओं ने हर क्षेत्र में प्रगति की ओर अग्रसर हैं। इसके अलावा कोरोना काल में देश के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के संक्रमण से बचाव का टीका तैयार करने का कार्य किया जो विश्व के 90 से अधिक देशों में भेजा गया। यह वैज्ञानिकों का अद्भुत और बेहतरीन कार्य है। उन्होंने कहा कि विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 191 करोड़ रुपये की लागत से साईंस सिटी तथा 85 करोड़ रुपये की लागत से अम्बाला में आर्यभट्ट विज्ञान केंद्र स्थापित किया जा रहा है। ये परियोजनाएं विद्यार्थियों को विज्ञान की और आकर्षित करने में मील का पत्थर साबित होंगी।
श्री खट्टर ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने जीवन को सरल बनाने का काम किया है। दूसरे ग्रहों तक पहुंचना विज्ञान की प्रगति का द्योतक है। उन्होंने कहा कि विज्ञान की असीमित जिज्ञासा देश को प्रगति की ओर लेकर जाएगी। इसके लिए सरकार स्कूल और कॉलेज स्तर पर विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा दे रही है और कई क्षेत्रों में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश स्तर पर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार मिले और वे देश की तरक्की के लिए आगे
बढ़े। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवर्तनकारी युग में विज्ञान का प्रयोग मानव जाति के उत्थान, सरलता और शान्ति के लिए किया जाना चाहिए। यदि संयमपूर्वक ढंग से विज्ञान का प्रयोग हो तो, देश निरंतर प्रगति की और बढ़ेगा और इनका पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव होगा।
श्री विज ने कहा कि भौतिकी में शोध के प्रयास किए जा रहे हैं इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा से बुनियादी ढांचा बेहतर बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैज्ञानिकों तकनीकों से उपयोग कोरोना महामारी में कारगर सिद्ध हुआ। समाज कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग नई बुलंदियों को छुएगा। उन्होंने कहा कि खगोल विज्ञान एवं खगोल भौतिकी को बढ़ावा देने के लिए कल्पना चावला की याद में तारामंडल की स्थापना की गई है। इसके अलावा ग्यारहवीं कक्षा से विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक से साढ़े तीन हजार रूपये तक की छात्रवृत्ति तथा जिला स्तर पर विज्ञान प्रतियोगिताएं और साइंस कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। ओलंपियाड के लिये छात्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस अवसर पर वैज्ञानिक प्रो. नीरज जैन तथा प्रो. मुकेश जैन को 2019 के लिए, प्रो. मोती लाल मदान और डॉ. सुशीला मान-वर्ष 2020 तथा डॉ. चेतन प्रकाश कौशिक और डॉ. इलोरा सेन को वर्ष 2021 के लिए हरियाणा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार के रूप में चार लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और शॉल प्रदान की गई। इनके अलावा डॉ. पूजा देवी और डॉ. राम जिवारी को वर्ष 2019, डॉ. पवन कुमार और सतीश खुराना-वर्ष 2020 तथा डॉ. कल्पना नागपाल को वर्ष 2021 के लिए हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन्हें पुरस्कार स्वरूप एक लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और शॉल भेंट की गई।
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं सूचना जनसम्पर्क के महानिदेशक अमित कुमार अग्रवाल, राज्यपाल के सचिव अतुल द्विवेदी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।...////...