11-May-2024 11:36 PM
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नयी दिल्ली 11 मई (संवाददाता) साहित्य अकादेमी का सर्वोच्च सम्मान महत्तर सदस्यता शनिवार को अंग्रेजी के प्रख्यात लेखक और विद्वान रस्किन बॉन्ड को प्रदान की गयी ।
साहित्य अकादमी ने यहां बताया कि श्री बॉन्ड की अस्वस्थता के कारण यह सम्मान उनके मसूरी स्थित घर पर साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक और साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने प्रदान किया। इस अवसर पर उनके पुत्र भी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश के कसौली में 19 मई 1934 को जन्मे श्री बॉन्ड पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से लेखन की दुनिया में सक्रिय हैं तथा उन्होंने साहित्य की विभिन्न विधाओं में लिखा है। उनकी आरंभिक कथा कृतियों में कहानी संग्रह तथा उपन्यास के साथ साथ कुछ आत्मकथात्मक कृतियां भी शामिल हैं । बाद में उन्होंने कथेतर, रोमांस तथा बाल पुस्तकों की रचना भी की । उनकी प्रिय विधाएँ निबंध तथा कहानी हैं। उनकी उल्लेखनीय कृतियों में - वैग्रन्ट्स इन द वैली, वन्स अपॉन ए मानसून टाइम, एंग्री रिवर, स्ट्रेंजर्स इन द नाइट, ऑल रोड्स लीड टू गंगा, टेल्स ऑफ़ फ़ोस्टरगंज, लेपर्ड ऑन द माउंटेन तथा टू मच ट्रबल शामिल हैं। वर्ष 1978 की हिंदी फ़िल्म जुनून श्री बॉन्ड के ऐतिहासिक उपन्यास ए फ्लाइट ऑफ़ पिजन्स (1857 के भारतीय विद्रोह) पर आधारित है। उनकी कहानियों का रूपांतरण टीवी धारावाहिक 'एक था रस्टी' के नाम से दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया तथा कई कहानियों- द नाइट ट्रेन ऐट देओली, टाइम स्टॉप्स ऐट शामली तथा आवर ट्रीज़ स्टिल ग्रो इन देहरा को विद्यालयी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
वर्ष 2005 में, श्री बॉन्ड के लोकप्रिय बाल उपन्यास द ब्लू अम्ब्रेला पर फ़िल्म बनाई गई। उन्होंने वर्ष 2011 में फ़िल्म सात खून माफ़ में एक छोटी भूमिका की थी, जो उनकी कहानी ‘सुसन्नाज़ सेवन हसबैंड’ पर आधारित है।
उनके कहानी-संग्रह आवर ट्रीज़ स्टिल ग्रो इन देहरा के लिए वर्ष 1992 में साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया । उनको सरकार ने वर्ष 1999 में पद्मश्री तथा वर्ष 2019 में पद्म भूषण और साहित्य अकादेमी ने बाल साहित्य पुरस्कार (2012 में) से भी सम्मानित किया गया।...////...