19-Jul-2022 08:34 PM
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नयी दिल्ली 19 जुलाई (AGENCY) भारतीय मुद्रा की विनिमय दर डॉलर के मुकाबले 80 रुपये से नीचे जाने पर हो रही आलोचनाओं के बीच सरकार ने मंगलवार को कहा कि रुपये की नरमी इस समय मुख्य रूप से यूक्रेन-रूस लड़ाई, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और वैश्विक वित्तीय हालात के कारण है।
विदेशी विनिमय बाजार में रुपया आज एक समय प्रति डॉलर 80 के नीचे चला गया था और बाजार बंद होने के समय विनिमय दर 79.92 रुपये प्रति डॉलर थी।
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में कहा,“वर्ष 2022 में ब्रिटेन की मुद्रा पाउंड, जापान का येन और यूरोप की साझा मुद्रा यूरो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा की तुलना में कहीं अधिक कमजोर पड़ी हैं और इसकी वजह से इन मुद्राओं के मुकाबले रुपया मजबूत हुआ है।”
इस वर्ष रुपये की विनिमय दर डॉलर के मुकाबले सात प्रतिशत घट गयी है।
श्री चौधरी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) विदेशी विनिमय बाजार पर बराबर निगाह रखता है और बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव होने पर हस्तक्षेप करता है।
इसी के अनुसार ही केंद्रीय बैंक ने हाल के महीनों में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाई हैं और इससे देश के निवासियों और प्रवासियों के लिए रुपये में अंकित संपत्तियों को अपने पास रखने के आकर्षण में वृद्धि हुयी है।
श्री चौधरी ने अपने जवाब में रुपये की गिरावट रोकने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी जिनमें बॉन्ड में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को बढ़ाने के लिए नियमों में संशोधन और स्वचलित मार्ग से विदेशी वाणिज्यिक ऋण जुटाने की सीमा को बढ़ाकर 1.5 अरब डॉलर करने जैसे निर्णय शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि इन निर्णयों के बावजूद रुपये पर दबाव बना हुआ है और मंगलवार को डॉलर एक समय चढ़कर 80.06 रुपये के भाव तक पहुंच गया था।...////...