सहकारिता और विज्ञान को जोड़ दिया जाये तो कृषि भी मुनाफे का व्यवसाय: शाह
25-Jan-2025 12:51 AM 7035
नयी दिल्ली 24 जनवरी (संवाददाता) केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सहकारिता आंदोलन और विज्ञान दोनों को जोड़ दिया जाए तो इसमें कोई शंका नहीं कि आज भी खेती मुनाफे वाला व्यवसाय है। श्री शाह ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित ‘सहकारिता सम्मेलन’ को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। उन्होंने सहकारिता क्षेत्र से संबंधित विभिन्न कार्यों का शुभारंभ भी किया। सम्मेलन में केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था। उन्होंने कहा, “ शास्त्री जी ने किसान, खेतिहर मजदूर और इसके साथ-साथ सेना को भी मजबूत करना शुरू किया था। यहाँ एक ही कोऑपरेटिव के माध्यम से जय जवान जय किसान और मृदा परीक्षण की लेबोरेट्री बनाकर जय विज्ञान को भी एक ही जगह स्थापित करने का काम किया गया है।” श्री शाह ने कहा , “ पहले चर्चा होती थी कि खेती में कोई मुनाफ़ा नहीं है, लेकिन उनका आज भी दृढ़ विश्वास है कि यदि सहकारिता आंदोलन और विज्ञान दोनों को जोड़ दिया जाए तो इसमें कोई शंका नहीं कि आज भी खेती मुनाफे वाला बिजनेस है।” उन्होंने कहा कि पहले किसान परम्परागत तरीके से खेती करते थे और उन्हें पता नहीं होता था कि उनके खेत की मिट्टी में किस चीज़ की मात्रा अधिक या किसकी मात्रा कम है। उन्होंने कहा कि जब मिट्टी के परीक्षण की बात की गई तब पता चला कि किसान ऐसे खाद खेत में डालते थे, जिनकी ज़रुरत ही नहीं थी और न्यूट्रिशन के लिए जिस खाद का इस्तेमाल करना चाहिए था, वह नहीं किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि नासिक जिले में बनाई गई अत्याधुनिक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थानीय किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी। उन्होंने कहा कि अब मिट्टी के परीक्षण से मालूम पड़ेगा कि किसान जिस पानी का इस्तेमाल कर रहे, उसमें पीएच मात्रा कितनी है, सल्फर डालना है या नहीं, डीएपी कितना डालना है और कौन सी फसल की खेती करने से ज्यादा मुनाफा हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह सुविधा किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि वेंकटेश्वरा सोसाइटी ने एक साथ कई पहल की है। उन्होंने कहा कि आज वर्चुअल माध्यम से बेलगांव में वेंकटेश्वरा काजू प्रोसेसिंग फैक्ट्री का उद्घाटन हुआ है, जहां प्रतिदिन 24 टन काजू प्रोसेस किया जाएगा और इससे 18,000 किसानों को काजू की खेती के लिए उचित दाम मिल पाएंगे। उन्होंने कहा कि 1500 से ज्यादा गिर की गायें भी लाई गई हैं, जिससे सभी प्रकार के उत्पाद भी बनेंगे और गाय के गोबर एवं गौमूत्र से ऑर्गेनिक खेती की भी शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि इन पहलों से किसान समृद्ध बनेंगे और इससे धरती माता की भी रक्षा होगी। श्री शाह ने किसानों को ऑर्गेनिक खेती करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि जब तक किसानों को ऑर्गेनिक प्रोडक्ट का सर्टिफिकेट नहीं मिलता, तब तक उन्हें ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के दाम भी नहीं मिलते। सहकारिता मंत्रालय ने नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक लिमिटेड नाम की संस्था बनाई है। यह बहुराष्ट्रीय संस्था है जो ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट वाले किसानों की सारी उपज उनसे खरीद कर बाज़ार में बेचती है और उससे प्राप्त मुनाफे को सीधा किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाती है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र से जुड़े लोग कई सालों से मांग कर रहे थे कि अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया जाए, लेकिन उनकी मांग पर पहले किसी ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने आजादी के 75 साल बाद सहकारिता मंत्रालय का गठन किया, जो देश भर के किसानों की आय में बढ़ोतरी करेगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता की अगर सबसे सुंदर व्याख्या कुछ है तो वह सहकारिता है। सहकारिता के बगैर किसान आत्मनिर्भर और समृद्ध नहीं बन सकता, इसलिए मोदी जी ने ‘सहकार से समृद्धि’ का नारा दिया है जिसे चरितार्थ करने की जिम्मेदारी सहकारिता मंत्रालय की है।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - mpenews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^