28-May-2022 04:53 PM
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कोल्हापुर, 28 मई (AGENCY) शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को पार्टी प्रमुख एवं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ राज्य सभा के चुनाव में शिवसेना का समर्थन चाहने वाले छत्रपति संभाजीराजे के आरोपों का खंडन किया।
राज्य सभा के लिए नामांकन वापस लेते हुए श्री संभाजीराजे ने पुणे में कहा था कि श्री ठाकरे अपने वचन से पीछे हट गए हैं, जो उन्होंने एक बैठक में दिया था।
श्री संभाजीराजे ने कहा था कि श्री ठाकरे से राज्य सभा की दूसरी सीट के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में उनकी उम्मीदवारी को समर्थन देने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने (श्री ठाकरे) अपना वादा पूरा नहीं किया।
श्री राउत ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्री ठाकरे की विश्वसनीयता या उनके शब्द पर सवाल खड़ा करने
खड़े रखने का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि शिवसेना ने पहले ही राज्य सभा की दूसरी सीट के लिए अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला कर लिया था।
श्री राउत ने स्पष्ट किया कि चूंकि दूसरी राज्य सभा सीट शिवसेना की है, पार्टी ने पहले ही राज्य सभा की दूसरी सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया था और श्री ठाकरे ने बैठक में श्री संभाजीराजे से कहा था कि उन्हें (श्री ठाकरे) अन्य लोगों से बात करनी होगी। पार्टी के पदाधिकारी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या शिवसेना महा विकास अघाड़ी उम्मीदवार के रूप में श्री संभाजीराजे की उम्मीदवारी का समर्थन करेगी या फिर शिव सेना उम्मीदवार के रूप में।
उन्होंने कहा कि अब श्री संभाजीराजे और अन्य लोग श्री ठाकरे की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है।
श्री संभाजीराजे का नाम लिए बिना श्री राउत ने कहा कि अगर कोई राजनीति में करियर बनाने का फैसला करता है, तो उसे किसी भी राजनीतिक दल का आधार लेना चाहिए, लेकिन श्री संभाजीराजे ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, अब यह विषय (छत्रपति संभाजीराजे का) समाप्त हो गया है।
श्री राउत ने भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की भी आलोचना की, क्योंकि उन्होंने श्री संभाजीराजे को समर्थन नहीं देने के लिए शिवसेना की आलोचना की है।
श्री राउत ने चुटकी ली कि उन्हें इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, यह कहते हुए कि श्री पाटिल कौन हैं, क्या वह छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज हैं?
श्री राउत ने श्री फडनवीस की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें (फडनवीस) 2019 में शिवसेना को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने पर अपने शब्दों से मुकरने पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
उन्होंने कहा दरअसल, भाजपा और उनके नेताओं का इस विषय से कोई लेना-देना नहीं था और वह ऐसे सवालों का जवाब क्यों दें क्योंकि यह विषय श्री संभाजीराजे और शिवसेना के बीच था और अन्य लोगों को इसमें नहीं पड़ना चाहिए।...////...