25-Jul-2022 11:26 PM
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नयी दिल्ली, 25 जुलाई (AGENCY) भारतीय मुक्केबाजी संघ यह सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि संध्या गुरुंग बर्मिंघम में टीम का हिस्सा बन सके और इसके लिए वह भारतीय ओलम्पिक संघ के साथ काम कर रहा है।
टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज़ लवलीना बोरगोहेन ने शीर्ष आयोजन राष्ट्रमंडल खेलों से तीन दिन पहले ‘मानसिक उत्पीड़न’ का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी कोच को खेल गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।
लवलीना ने सोमवार को ट्विटर पर एक पोस्ट साझा करके कहा, “आज मैं बड़े दुख के साथ कहती हूं कि मेरे साथ बहुत उत्पीड़न हो रहा है। हर बार मेरे कोच, जिन्होंने मुझे ओलंपिक में पदक लाने में मदद की, उन्हें हटाकर मेरी ट्रेनिंग में बाधा डाली जा रही है। इनमें से एक कोच संध्या गुरुंगजी द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित हैं। मेरे दोनों कोचों को हज़ार बार हाथ जोड़ने के बाद कैंप में ट्रेनिंग के लिये बहुत देर से शामिल किया जाता है। मुझे इससे ट्रेनिंग में बहुत परेशानियां उठानी पड़ती हैं, और मानसिक उत्पीड़न तो होता ही है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी कोच संध्या गुरुंग को खेल गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही थी, जबकि उनके दूसरे कोच को वापस भारत भेज दिया गया था।उन्होंने लिखा, “अभी मेरी कोच संध्या गुरुंग जी राष्ट्रमंडल खेल गांव के बाहर खड़ी हैं और उन्हें प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है, और मेरी ट्रेनिंग खेलों के आठ दिन पहले रुक गयी है। मेरे दूसरे कोच को भारत वापस भेज दिया गया है। मेरे बहुत विनती करने के बाद भी ऐसा हुआ है और इससे मेरा मानसिक उत्पीड़न हुआ है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं खेलों पर कैसे ध्यान केंद्रित करूं।”
खेल और युवा मामलों के मंत्रालय ने लवलीना बोरगोहेन की ‘मानसिक उत्पीड़न’ की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए भारतीय ओलंपिक संघ को आदेश दिया है कि वह लवलीना की कोच के प्रमाणन का इंतज़ाम करे।
इसके कुछ देर बाद मुक्केबाजी महासंघ ने रात में इस मामले पर बयान जारी कर कहा,'खिलाड़ी दल के 33 प्रतिशत को सपोर्ट स्टाफ के रूप में प्रवेश की अनुमति है। मुक्केबाजी महासंघ के मामले में 12 मुक्केबाजों (आठ पुरुष और चार महिला) के लिए चार सपोर्ट स्टाफ (कोचों सहित) बनते हैं जो टीम के साथ बर्मिंघम की यात्रा कर रहे हैं।
मुक्केबाजी के सन्दर्भ में कोचों और सपोर्ट स्टाफ को लेकर आवश्यकताएं कुछ अलग हैं। भारतोय ओलम्पिक संघ मुक्केबाजी संघ के दृष्टिकोण को समझता है और इसलिए उसने अधिकतम सपोर्ट स्टाफ देकर मदद की है। ओलम्पिक संघ की मदद से सपोर्ट स्टाफ की संख्या 12 मुक्केबाजों के पूरे दल के लिए चार से बढ़कर आठ पहुंच गयी है।
मुक्केबाजी महासंघ ने यह सुनिश्चित किया कि संध्या गुरंग आयरलैंड में ट्रेनिंग कैंप में रहे। फेडेरशन आईओए के साथ नजदीकी रूप से काम कर रहा है कि संध्या गुरुंग बर्मिंघम में टीम का हिस्सा बने। इस बीच डेलीगेट ट्रांसपोर्ट और ईटीओ होटल में ठहरने की व्यवस्था उन्हें पहले ही उपलब्ध करा दी गयी है।...////...