संगीत की सुरमयी रात: आसियान-इंडिया म्यूजिक फेस्टिवल ने रचा ऐतिहासिक समागम
30-Nov-2024 08:45 PM 2966
नई दिल्‍ली, 30 नवंबर (संवाददाता) पुराना किला के ऐतिहासिक परिसर में आसियान इंडिया म्यूजिक फेस्टिवल के तीसरे संस्करण की भव्‍य शुरुआत हुई। इस उत्‍सव ने संगीत प्रेमियों का दिल जीत लिया, जहां हर किसी को मुफ्त प्रवेश दिया और रचनात्मकता एवं संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला। विदेश मंत्रालय (एमईए) और सहर द्वारा आयोजित यह महोत्‍सव भारत की ‘एक्‍ट ईस्‍ट पॉलिसी’ और आसियान-भारत के 10 साल की मजबूत साझेदारी का प्रतीक है। शान और रघु दीक्षित जैसे भारत के चहेते कलाकारों ने म्यांमार के एमआरटीवी, कंबोडिया के चेत कान्हचना और वियतनाम के बक टुओंग के साथ मिलकर ऐसा समां बांधा, जिसने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इन प्रस्तुतियों ने यह दिखाया कि संगीत हर सीमा को पार करके दिलों को जोड़ सकता है। इस कार्यक्रम के दौरान भारत के विदेश मामलों के राज्यमंत्री पबित्रा मार्घेरिटा ने इस उत्सव के महत्व को समझाते हुये कहा, “आसियान इंडिया म्यूजिक फेस्टिवल केवल कला और संगीत का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह संगीत की उस ताकत का उदाहरण है जो लोगों को एक साथ लाती है। हम भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के दस वर्षों का जश्न मना रहे हैं, और यह उत्सव उन सांस्कृतिक संबंधों को उजागर करता है जो इन वर्षों में हमने बनाए हैं। यह संगीत की ताकत का उत्सव है, जो सीमाओं को पार कर दिलों को जोड़ता है। यह हमारा रिश्ता और भी मजबूत बनाता है और आसियान और भारत के साझे विकास के सफर को और आगे ले जाता है। ” सहर के संस्थापक निदेशक संजीव भार्गव ने इस उत्सव की भावना को खूबसूरती से समझाते हुये कहा, “ संगीत में वह ताकत होती है, जो शब्दों से परे जाकर लोगों को जोड़ती है। यह उत्सव उन संबंधों का प्रतीक है, जो साझा अनुभवों से गहरे हुए हैं, वर्षों की दोस्ती से बने हैं और नये रिश्ते बनाने में मदद करते हैं। जब हम इस तरह के कार्यक्रमों में साथ आते हैं, तो हम अपनी संस्कृतियों के बीच के रिश्तों को मजबूत करते हैं और एक-दूसरे को बेहतर समझने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। ” शान ने भी अपने अनुभव को साझा करते हुये कहा, “ पुराना किला की ऐतिहासिक दीवारें हमारे संगीत की गूंज से जीवंत हो उठीं और दर्शकों का उत्साह और प्यार वाकई जादुई था। ऐसे पल संगीत की असली ताकत को महसूस करने का मौका देते हैं। यह सिर्फ आनंद का जरिया नहीं है, बल्कि यह जोड़ने, साझा करने और उन भावनाओं को सराहने का तरीका है, जो हमें इंसान होने का अहसास कराती हैं।...////...
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