सरकार स्वास्थ्य सेवा समानता के लिए प्रतिबद्ध: मांडविया
08-Jan-2024 08:36 PM 5985
नयी दिल्ली 08 जनवरी (संवाददाता) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में समानता को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है और इन्हें आयुष्मान भारत जैसी पहल से किफायती और सुलभ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। श्री मांडविया ने सोमवार को यहां दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों में नई स्वास्थ्य सुविधाओं का उद्घाटन करते हुए कहा कि जनकल्याण दृष्टिकोण समय की मांग है। वर्तमान और भविष्य में जन कल्याण के दृष्टिकोण को बीमारियों से बचाव की दिशा में केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एकीकृत दृष्टिकोण बीमारियों को दूर रखने के लिए जन कल्याण के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत की चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएँ आगे बढ़ी हैं और भारतीय स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी दुनिया के लिए उपलब्ध हैं। यह प्रतिबद्धता 'वसुधैव कुटुंबकम' के भारतीय दर्शन पर आधारित है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ समग्र स्वास्थ्य दृष्टिकोण समय की मांग है। वर्तमान और भविष्य के डॉक्टरों के रूप में, जनकल्याण के अपने दृष्टिकोण को बीमारियों को दूर रखने की दिशा में केंद्रित करना चाहिए।" कार्यक्रम में दुर्घटना एवं आपातकालीन ब्लॉक, लेडी हार्डिंग कृपलानी अस्पताल , न्यू हॉस्टल ब्लॉक, अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (एबीवीआईएमएस) और डॉ. आरएमएल अस्पताल, स्पोर्ट्स का इंजरी सेंटर, वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज (वीएमएमसी) और सफदरजंग अस्पताल और अकादमिक ब्लॉक और न्यू हॉस्टल ब्लॉक, राजकुमारी अमृत कौर कॉलेज ऑफ नर्सिंग की शुरुआत की गयी। सभी के लिए स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा‌ कि देश में स्वास्थ्य क्षेत्र तेजी से बदल रहा है। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य निवारक स्वास्थ्य देखभाल और आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के बीच तालमेल के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में समग्र रूप से काम करना है।" उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में समानता को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। आयुष्मान भारत जैसी पहल से इन्हें किफायती और सुलभ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। श्री मांडविया ने कहा कि सरकार ने देश में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। गरीबों के लिए इलाज की लागत कम करने के साथ-साथ डॉक्टरों की संख्या भी तेजी से बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले नौ वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। इसी तरह, 10 वर्ष से भी कम समय में एमबीबीएस, पीजी और नर्सिंग सीटों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि अन्य देशों से अलग, भारत में चार स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली है जो जमीनी स्तर से प्राथमिक, माध्यमिक से तृतीयक स्तर तक कार्य करती है। भारत की चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं सीमाओं से परे, पूरी दुनिया तक फैली हुई हैं।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - mpenews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^