14-Apr-2022 09:09 PM
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वाराणसी, 14 अप्रैल (AGENCY) केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर किसी वर्ग, जाति या संप्रदाय विशेष के चिंतक नहीं थे, बल्कि वह सर्वसमाज के लिए सोचने वाले महान राष्ट्र नायक थे। वह एक ध्वज-एक संविधान को मानते हुए समानता के अधिकार के पक्षधर थे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती पर निकटवर्ती रोहनिया में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ईरानी ने कहा कि बाबा साहेब के अनुसार जहां आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र नही है, वहां राजनीतिक लोकतंत्र कभी सफल नहीं हो सकता है। बाबा साहेब ने कहा था कि लोकतंत्र राजनीतिक तर्ज पर तभी फलीभूत होगा, जब हम इसे आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत और सुदृढ बनाएं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह अफ़सोस की बात है कि कुछ राजनीतिक दल बाबा साहेब के सपनो को चकनाचूर करने के लिए समाज को जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर बाँटने की कोशिश कर रहे हैं। वर्ग-विशेष और समुदाय-विशेष की राजनीति करने वाले इन सफेदपोश लोगों का एक ही मकसद है,बांटो और राज करो।
स्मृति ईरानी ने कहा कि बाबा साहेब का सपना था, एक भारत श्रेष्ठ भारत जिसे साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रयास कर रहे हैं। मोदी ने जातिवाद, क्षेत्रवाद की राजनीति से ऊपर उठकर सर्व समाज की भलाई का संकल्प लिया है और अपने इस संकल्प को सिद्धि तक पहुँचाने के लिए सदैव प्रयासरत हैं।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर का मानना था कि किसी देश की प्रगति का आकलन उस देश की महिलाओं की स्थिति और उनके जीवन स्तर के आधार पर ही किया जा सकता है। महिलाओं की प्रगति में ही देश की प्रगति निहित होती है। महिलाओं की प्रगति उनके स्वास्थ्य उनके सम्मान की स्थिति से जुड़ी होती है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी ने देश की महिलाओ के सम्मान की रक्षा के लिए 11 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया जो कि सीधे तौर पर हमारी माताओ एवं बहनो की बुनियादी जरूरत से जुड़ा था। इन शौचालय का निर्माण कराकर प्रधानमंत्री ने देश की महिलाओं को ससम्मान जीने का अधिकार दिया।...////...