सरिस्का का तीन वर्ग किमी एरिया में जंगल जला, टाइगर समेत दूसरे जानवरों ने इलाका छोडा
05-Apr-2022 11:39 PM 3033
अलवर 05 अप्रेल (AGENCY) राजस्थान में अलवर के सरिस्का में पिछले सात दिन में दूसरी बार लगी आग पर भी काबू पा लिया है। पहली बार में करीब 25 वर्ग किमी का जंगल जला। दूसरी बार की आग में करीब तीन वर्ग किमी का एरिया जल गया। वन विभाग यह दावा किया है कि अभी तक कोई बड़ा नुकसान सामने नहीं आया। लेकिन, सरिस्का के टाइगर और लेपर्ड समेत अन्य जंगली-जानवरों की टेरिटरी बिगड़ चुकी है। गर्मी के कारण जंगली जानवर अपनी टेरिटरी छोड़ रहे हैं। दरअसल, जहां आग लगी है वह टाइगर एसटी 17 एवं उसके दो शावक, टाइगर आठ एवं टाइगर 15 की टेरिटरी का एरिया है। आग की गर्मी के कारण टाइगर समेत दूसरे जानवर अपनी टेरिटरी से दूर चले गए है। सरिस्का के अधिकारियों का कहना है कि टाइगर आग से दूर हैं। उनको कोई खतरा नहीं है। उपवन संरक्षक सुदर्शन शर्मा ने बताया कि 150 लोगों की टीम ने सोमवार को दिन भर आग बुझाने का काम किया। मंगलवार सुबह से पानी डालना जारी है। ताकि आग दुबारा से नहीं भड़के। असल में आग लगने के अंतिम छोर में पानी डालकर आग बुझाई जाती है। ताकि आग आगे कम से कम बढ़़े। अब सरिस्का के अधिकारी बता रहे हैं कि आग पूरी तरह बुझ चुकी है। अब केवल पानी डालकर पूरी आग को शांत करने के लिए टीम लगी है। वन विभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि सरिस्का में आग से कितना नुकसान हुआ है। इसकी गणना अभी नहीं हो सकी है। असल में पिछले शुक्रवार से टीम लगातार आग बुझाने में लगी हैं। इस कारण अभी तक आग से हुए नुकसान का आकलन नहीं किया जा सका है। यह सही है कि आग लगने से जंगल के छोटे जीवों को नुकसान होता है। जो रेंगकर चलते हैं या बिलों में रहते हैं। अण्डे दिए होते हैं। ऐसे हजारों जीव मर जाते हैं। सरिस्का के अधिकारियों का कहना है कि टाइगर की टेरिटरी अधिक होती है। पहले भी पहाड़ के ऊपर आग लगी थी। इस बार भी पहाड़ की चोटी पर आग लगी है। आग लगने के कारण भी सामने नहीं हैं। केवल मोटा अनुमान है कि किसी व्यक्ति के बीड़ी पीकर फेंकने से आग लग सकती है। असल में इस समय पूरे जंगल में सूखी घास एवं पत्ते हैं। ऐसे में आग जल्दी लग जाती है।...////...
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