16-Dec-2023 05:00 PM
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नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (संवाददाता) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण मिश्रा ने कहा है कि सशस्त्र बल राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता की रक्षा करने तथा विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए, नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राजधानी में शुक्रवार को यहां रेलवे सुरक्षा बल के सहयोग से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के लिए 28वीं एनएचआरसी वार्षिक वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गयी, जिसमें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने सर्वश्रेष्ठ टीम के रूप में रनिंग ट्रॉफी जीती। इस प्रतिय़ोगित का विषय ‘मानव अधिकार कर्तव्यों से स्वतंत्र हैं’ रखा गया।
इस समारोह में न्यायमूर्ति मिश्रा मुख्य अतिथि थे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा, “कोई भी अधिकार कर्तव्यों के बिना नहीं आता,बल्कि कर्तव्य और अधिकार साथ-साथ चलते हैं।”
सीआईएसएफ ने हिंदी और अंग्रेजी में वाद-विवाद प्रतियोगिता के अंतिम चक्र में जीत हासिल कर ओवरऑल सर्वश्रेष्ठ टीम रोलिंग ट्रॉफी जीती। व्यक्तिगत सम्मानों में, हिंदी में वाद-विवाद के लिए प्रथम पुरस्कार सीआईएसएफ के उप निरीक्षक डी. पी. तिवारी और अंग्रेजी में संयुक्त रूप से राइफलवुमेन रूथी मांडेहनियांग और असम राइफल्स अपर्णा महतो को दिया गया।
हिंदी में दूसरा पुरस्कार सीआईएसएफ के उप निरीक्षक डी.के. ठाकुर और अंग्रेजी में राइफलवुमन हृंगनी टोंगसिन, असम राइफल्स को दिया गया। हिंदी में तीसरा पुरस्कार आरपीएफ के महिला उप निरीक्षक धीरज राठौड़ और अंग्रेजी में यह पुरस्कार सीआईएसएफ के सहायक कमांडर ओम प्रकाश पाल मिला। प्रमाण पत्र और एक स्मृति चिन्ह के अलावा, प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार विजेताओं को क्रमशः 12 हजार रुपये, 10 हजार रुपये और आठ हजार रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया गया।
विजेताओं का निर्णय एनएचआरसी सदस्य राजीव जैन, झारखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कमल नयन चौबे, दिल्ली के नेशनल लॉ यूनीवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. रणबीर सिंह और रेलवे बोर्ड की अतिरिक्त सदस्य रूपा श्रीनिवासन जूरी द्वारा किया गया।
एनएचआरसी के सदस्य राजीव जैन ने कहा, “पुलिस कर्मियों के लिए संवेदनशीलता अनिवार्य है और वास्तव में उनके कर्तव्य के अनुरूप यह अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि मानवाधिकारों का उल्लंघन न हो।”
आयोग के महासचिव भरत लाल ने कहा, “सार्थक जीवन जीने के लिए संवेदनशीलता के साथ जवाबदेही जरूरी है। कर्तव्य के बिना अधिकार, आत्मा के बिना मनुष्य के समान है।...////...