10-May-2024 09:58 PM
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नयी दिल्ली 10 मई (संवाददाता) रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सशस्त्र पुलिस बलों तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल जैसी एजेन्सियों को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस करने को लेकर अब तक की गयी पहलों की समीक्षा के साथ साथ इस संबंध में अगले छह महीने के लिए एक रोडमैप भी तैयार किया है।
डीआरडीओ ने बृहस्पतिवार को यहां 8वीं प्रौद्योगिकी परिषद की बैठक में यह समीक्षा की। यह बैठक गृह मंत्रालय के तहत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ), पुलिस और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) में डीआरडीओ की प्रौद्योगिकियों को शामिल करने की स्थिति की समीक्षा करने के लिए आयोजित की गई थी।
बैठक में पूरे देश के विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं ने वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। इसमें प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी रही और इस संबंध में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की गयी। इसके अलावा बैठक में अगले छह महीनों के लिए गतिविधियों से संबंधित एक रोडमैप भी तैयार किया गया।
इस बैठक के एक हिस्से के तहत डीआरडीओ की ओर से विकसित विभिन्न उत्पादों की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। इसमें हथियार प्रणाली, संचार, आंतरिक सुरक्षा, वीआईपी सुरक्षा, भरण-पोषण आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन किया गया।
डीआरडीओ की महानिदेशक (उत्पादन, समन्वय और सेवा सहभागिता) चंद्रिका कौशिक ने बैठक की अध्यक्षता की। इसमें बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनडीआरएफ, एनएसजी, असम राइफल्स, आईबी और दिल्ली पुलिस के पुलिस महानिरीक्षक मौजूद थे। इसके अलावा बैठक में गृह मंत्रालय की सलाहकार श्रीमती हरचरण कौर ने भी हिस्सा लिया।
डीआरडीओ आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में रक्षा सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण और भविष्य की प्रौद्योगिकियों के विकास में शामिल प्रमुख अनुसंधान संगठन है। गृह मंत्रालय के तहत केंद्रीय पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण में सहायता के लिए डीआरडीओ की ओर से विकसित प्रौद्योगिकियों व उत्पादों को इन बलों में शामिल करने के लिए साल 2012 में डीआरडीओ और गृह मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे।...////...