08-Feb-2024 06:59 PM
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रांची, 08 फरवरी (संवाददाता)झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि हेमंत सोरेन ईडी कस्टडी में मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देने के लिए राजभवन पहुंचे थे।
राजपाल ने कहा कि उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए 26.5 घंटे के अंदर झारखंड में नई सरकार का गठन करा दिया। राज्यपाल ने गुरुवार को राजभवन में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पहले ईडी की ओर से हेमंत सोरेन को हिरासत में लिए जाने की सूचना दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से सूचना आई कि कस्टडी में होने के कारण हेमंत सोरेन उनसे मिलने के लिए राजभवन आना चाहते है और त्यागपत्र देना चाहते हैं। मुख्य सचिव की ओर से फोन कर बताया गया कि मुख्यमंत्री कुछ अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ राजभवन आना चाहते हैं, प्रारंभ में उन्होंने तीन लोगों के साथ हेमंत सोरेन को राजभवन बुलाया, बाद में पांच लोगों को आने की इजाजत दी गई।
राज्यपाल ने बताया कि हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे देने को लेकर जो पत्र सौंपा है, उसमें भी इसका उल्लेख किया गया है कि ईडी कस्टडी में रहने के कारण उन्होंने त्यागपत्र दिया। राज्यपाल ने कहा कि हेमंत सोरेन को उन्होंने इस्तीफा देने को नहीं कहा था, उन्होंने ही राजभवन को अपने इस्तीफे की सूचना दी गई।
नई सरकार गठन में विलंब होने के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में श्री राधाकृष्णन ने कहा कि हेमंत सोरेन के त्यागपत्र देने के बाद उनके पास दो फोन आए, जिसमें उनकी ओर से कहा गया कि वे सरकार को अपना समर्थन नहीं देंगे। इस कारण उन्होंने पहले कानून के जानकारों से राय ली। इसके बाद 1 फरवरी को रात 11 बजे चंपई सोरेन को राजभवन बुलाया, लेकिन उनके साथ कांग्रेस के एक विधायक भी राजभवन पहुंचे। उनकी ओर से कहा कि वे 2 फरवरी को शपथ लेना चाहते है। जिसके बाद उन्हें सीएम के रूप में 2 फरवरी को शपथ दिलाया गया और दस दिनों के अंदर बहुमत साबित करने के लिए कहा गया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार ईडी के हिरासत में नहीं थे, ना ही वह दो दिनों तक फरार थे इसलिए वहां के राज्यपाल ने उन्हें तुरंत मुख्यमंत्री पद का शपथ दिला दिया।...////...