सीतारमण ने औद्योगिक गलियारा परियोजनाओं का पीएम-गतिशक्ति के साथ तालमेल बिठाने पर दिया बल
07-Jul-2022 09:04 PM 8250
नयी दिल्ली, 07 जुलाई (AGENCY) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारों के विकास के काम में संसाधनों का अच्छा से अच्छा उपयोग किए जाने पर गुरुवार को बल देते हुए नीति आयोग और जहाजरानी मंत्रालय तथा अन्य विभागों को इस कार्यक्रम के साथ अन्य परियोजनाओं के समन्वय के लिए सात सूत्रीय कार्य बिंदुओं का सुझाव दिया। श्रीमती सीतारमण ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के शीर्ष निगरानी प्राधिकरण की आज यहां आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए नीति आयोग को विभिन्न अवसंरचना परियोजनाओं का अध्ययन कर उन्हें प्रधानमंत्री गतिशक्ति वृहद योजना के अंतर्गत लाने की संभावनाओं का पता लगाने को कहा। उन्होंने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को निगरानी समिति की अगली बैठक नवंबर में बुलाए जाने के लिए भी कहा। बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, रेलवे एवं दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव,छह राज्यों गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के अलावा बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल और राजस्थान के मंत्रियों तथा सभी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक ऑनलाइन और साक्षात के मिले-जुले तरीके से आयोजित की गयी थी। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि भारत में पिछले आठ साल में औद्योगिक विकास के पारिस्थितिकी तंत्र ने एक नया रंग ले लिया है और इसमें नयी गति आयी है। वातावरण अधिक उदार हुआ है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम की शुरुआत तीन-चार राज्यों से शुरू हुयी थी। आज इसमें 18 से अधिक राज्य शामिल हो गए हैं और 32 औद्योगिक नोड (केंद्रों) पर काम हो रहा है। वित्त मंत्री ने इस प्रगति के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों को धन्यवाद देते हुए कहा,“ जितनी तेजी से इस कार्य का पैमाना बढ़ेगा, हमें उतना ही अधिक इसका सामूहिक फायदा मिलेगा। ” श्रीमती सीतारमण ने संसाधनों के अच्छे से अच्छा उपयोग के लिए ही प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय वृहद योजना शुरू की गयी है और उम्मीद है कि इससे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश को लेकर और अच्छा तालमेल बनेगा। उन्होंने इस संबंध में सात कार्य बिंदु सुझाते हुए इसके तहत नीति आयोग को देशभर में औद्योगिक गलियारा, मालगाड़ी गलियारा, रक्षा उत्पादन गलियारा, राष्ट्रीय औद्योगिक विनिर्माण क्षेत्र (एनआईएमजेड), पीएलआई आधारित औद्योगिक पार्क, पीएम मित्र पार्क, मेडिकल एवं फार्मा पार्क और लॉजिस्टिक पार्क जैसी विभिन्न परियोजनाओं का अध्यन कर उन्हें पीएम गतिशक्ति योजना के साथ जोड़ने की संभावना के बारे में अक्टूबर तक रिपोर्ट देने को कहा है। वित्त मंत्री ने जहाजरानी मंत्रालय को विभिन्न बंदरगाहों को विभिन्न औद्योगिक गलियारा परियोजनाओं के साथ सार्थक रूप से जोड़ने के बारे में रिपोर्ट देने को भी कहा। बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि औद्योगिक पार्कों की सफलता इस बात में है कि उसमें निवेशक आकर निवेश करें। उन्होंने कहा कि राज्यों को औद्योगिक पार्कों में मुनासिब दाम पर जमीन आवंटित करने के नए तरीके अपनाने का सुझाव दिया और इस संबंध में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आईटी क्षेत्र के लिए प्रति एकड़ 80,000 रुपये सालाना की दर से जमीन पट्टे पर देने की योजना का उल्लेख करते हुए उसकी सराहना की। श्री गोयल ने कहा कि राज्य यह सुनिश्चित करें कि कोई इकाई बड़ी जमीन आवंटित कराकर उसे घेरकर ना बैठ और उसका समयबद्ध उपयोग करे। उन्होंने राज्यों को निवेशकों के लिए सस्ती बिजली का महत्व समझने की अपील की और कहा कि एक राज्य में कोई निवेशक इसलिए हट गया क्योंकि बिजली वहां सात रुपये प्रति यूनिट दर से मिल रही थी जो कपड़ा उद्योग के लिए बहुत महंगी है। रेल मंत्री वैष्णव ने राज्य सरकारों को रीजनल रैपिड रेल परियोजना का लाभ उठाने के बारे में विचार करने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि औद्योगिक कॉरिडोर परियोजनाओं के लिए रेलवे और दूरसंचार अवसंरचना की जरूरत की जानकारी पहले से उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में अगले साल तक हाइड्रोजन चालित रेल इंजन का विकास कर लिया जाएगा।...////...
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