22-Feb-2022 06:58 PM
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मंबई, 22 फरवरी (AGENCY) अर्थव्यवस्था की स्थिरता पर व्यापक दृष्टि रखने और वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों के बीच समन्वय के लिए वित्त मंत्री की अध्यक्षता में काम करने वाली एक समति ने देश के अंदर और बाहर की घटनाओं ध्यान में रखते हुए देश की वित्तीय दशा तथा महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों की कार्यप्रणाली पर सतत सतर्क दृष्टि रखने की आवश्यकता पर बल दिया है।
वित्त मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की मंगलवार को यहां हुई बैठक में कहा गया कि ‘विशेष रूप से यह विचार करते हुए सरकार और सभी विनियामकों को वित्तीय दशाओं तथा महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों की कार्यप्रणाली पर सतत सतर्क दृष्टि रखने की आवश्यकता है क्यों कि इससे मध्य और दीर्ध अवधि में वित्तीय संकट उत्पन्न हो सकता है।’
बैठक में वित्तीय क्षेत्र की स्थिति तथा वित्तीय स्थिरता के साथ सर्व-समावेशी आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य की प्राप्ति के उपायों पर भी चर्चा की गयी। एफएसडीसी ने विनिमय दर प्रबंध अपने दायित्व के अन्य विषयों पर भी चर्चा की।
एफएसडीसी ने रिजर्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता वाली अपनी उप समिति के कामों और पिछले निर्णयों पर परिषद के सदस्यों की कार्रवाई की भी समीक्षा की।
एफएसडीसी की यह 25वीं बैठक थी। इसमें वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण के अलावा, राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास, वित्त सचिव डॉ टीवी सोमनाथन वित्त मंत्रालय के अन्य विभागों के सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अजय प्रकाश साहनी, कंपनी कार्य मंत्रालय के सचिव राजेश वर्मा, वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकारी डा वी अनंत नागेश्वरन के अलावा श्री अजय त्यागी ( अध्यक्ष, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड); सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ( अध्यक्ष, पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरणऋ; श्री इंजेती श्रीनिवास (अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण); श्रीमती टी एल अलामेलु ( सदस्य, भारतीय बीमा और नियामक विकास प्राधिकरण); और वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में एफएसडीसी के सचिव शामिल थे ।
वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण उद्योग, वित्त और अन्य क्षेत्र के लोगों से बजट के बाद की चर्चा के लिए दो दिन के दौरे पर मुंबई में है। मंगलवार को मुंबई में उनका दूसरा दिन था।
एफएसडीसी की स्थापना सरकार द्वारा वित्तीय बाजार नियामकों के परामर्श से की गयी है। इसका उद्येश्य अर्थव्यवस्था पर विहंगम दृष्टि रखना, वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के उपयों को अधिक सशक्त करना तथा वित्तीय विनियामकों के बीच किसी तरह का भेदभाव किए बिना उनके बीच तामल मेल बढ़ाना है। यह मंच बड़े वित्तीय संस्थानों की कार्यप्रणाली पर निगाह रखने के साथ साथ वित्तीय क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी मुद्दों को भी देखता है। परिषद वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन पर भी ध्यान केंद्रित करता है।...////...