शक्तिपीठों के साथ हो रहे अवैज्ञानिक छेड़छाड़ के मामले में केन्द्र और राज्य सरकार जवाब दे: न्यायालय
27-Apr-2022 11:08 PM 4528
नैनीताल, 27 अप्रैल (AGENCY) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के हिमालयी परिक्षेत्र में स्थित 51 शक्तिपीठों के संरक्षण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार के साथ ही संस्कृति मंत्रालय को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब देने को कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में देहरादून निवासी प्रभु नारायण की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उत्तराखंड के हिमालयी रीजन में स्थित 51 शक्ति पीठों का वैज्ञानिक और पौराणिक महत्व है। ये शक्तिपीठ पर्यावरण के संतुलन को बनाये रखने के लिए भी आवश्यक हैं । जिसका प्रत्यक्ष उदारहण श्रीनगर में स्थित धारी देवी मंदिर के विस्थापन के समय देखने को मिला। पिछले कुछ समय से इन शक्तिपीठों के साथ विकास के नाम पर छेड़छाड़ की जा रही है। याचिकाकर्ता की ओर धारी देवी मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा गया कि धारी देवी के विस्थापन के एक घण्टे के अंदर केदारनाथ में भीषण आपदा देखने को मिली। धारी देवी शक्तिपीठ के बारे में पूरी जानकारी जुटाए बगैर ही उसे मूल स्थान से विस्थापित कर दिया गया। उच्च पवित्रता के ये स्थल पृथ्वी के चुंबकीय पोर्टल की भूमिका निभाते हैं। ऐसी पवित्र स्थानों की वैज्ञानिक जांच की जरूरत है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता की ओर से शक्ति पीठों को लेकर कई वैज्ञानिक दावे किए गए हैं। अंत में अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को पक्षकार बनाते हुए केन्द्र, राज्य और संस्कृति मंत्रालय से जवाब पेश करने को कहा है।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - mpenews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^