08-Aug-2023 08:52 PM
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नयी दिल्ली, 08 अगस्त (संवाददाता) साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने मंगलवार को ‘फिक्की प्रकाशन पुरस्कार’ कार्यक्रम में यहां कहा कि दर्शन और परिकल्पना को कहानी कहने के माध्यम से शिक्षार्थियों तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है क्योंकि शिक्षार्थी कथाओं के माध्यम से संबंधित पाठ को तेजी से सीखते हैं।
यह कार्यक्रम नयी दिल्ली में आयोजित किया गया और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने अध्ययन, अनुसंधान और नवाचार में प्रकाशकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए, 'पब्लिकॉन 2023' की मेजबानी की।
इस कार्यक्रम के दौरान व्यवसाय, अनुवाद, डिजाइनिंग, कथा श्रेणी, गैर-कथा श्रेणी और बाल साहित्य सहित विभिन्न शैलियों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली पुस्तकों को फिक्की प्रकाशन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के वैज्ञानिक 'डी' डॉ. रेम्या हरिदासन ने कहा, " राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) बिल प्रकाशकों के लिए भारत के अनुसंधान आउटपुट को बढ़ावा देने में योगदान करने के नए रास्ते खोलता है।"
फिक्की प्रकाशन समिति के अध्यक्ष और स्कोलास्टिक इंडिया के प्रबंध निदेशक नीरज जैन ने कहा, "फिक्की प्रकाशन पुरस्कार न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों को बढ़ावा देते हैं बल्कि प्रकाशन पारिस्थितिकी तंत्र की सामूहिक ताकत का भी प्रदर्शन करते हैं।”
फिक्की प्रकाशन समिति की सह-अध्यक्ष और एमबीडी ग्रुप की प्रबंध निदेशक मोनिका मल्होत्रा कंधारी ने कहा, "बहुत सी सामग्री तैयार और प्रकाशित की जा रही है, इसलिए प्रत्येक प्रकाशित जानकारी के साथ आने वाली जिम्मेदारी को पहचानना महत्वपूर्ण है। किसी भी सामग्री को प्रकाशित करने से पहले गहन शोध करना आवश्यक है।"
इस मौके पर साहित्यिक उत्साही लोग प्रकाशन के उभरते परिदृश्य, शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के प्रभाव के बारे में व्यावहारिक बातचीत में शामिल हुए।...////...