09-Jun-2022 10:14 PM
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नयी दिल्ली, 09 जून (AGENCY) केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने गुरुवार को कहा कि भारत सुरक्षित और व्यवस्थित प्रवास की सुविधा और समग्र लाभ के लिए श्रम गतिशीलता समझौतों (एलएमए) और सामाजिक सुरक्षा समझौतों (एसएसए) पर हस्ताक्षर करने का समर्थन करता है।
श्री यादव ने जिनेवा में आईएलओ के 110 वें अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन (आईएलसी) के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आईएलओ भारत के इस कदम के समर्थन में है और इस दिशा में सकारात्मक कदम भी उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में प्रौद्योगिकी और सरलीकृत प्रणालियों को इस उद्देश्य के साथ अपनाया किया है कि प्रत्येक कामगार को सामाजिक सुरक्षा के साथ सम्मान और रोजगार का विकल्प मिले। सरकार ने एक पोर्टेबल पहचान के रूप में कार्य करने के लिए औपचारिक या अनौपचारिक क्षेत्र में प्रत्येक कामगार को एक अद्वितीय सार्वभौमिक खाता संख्या प्रदान की है।
सरकार ने देश में श्रमिकों की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजगार की मांग, प्रवासी और घरेलू कामगारों पर सर्वेक्षण शुरू किया है।
भारत में औपचारिक क्षेत्र के कामगारों को दो प्रमुख त्रिपक्षीय संगठन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और कर्मचारी राज्य बीमा निगम हैं। ये दोनों संगठन चिकित्सा उपचार, पेंशन, मातृत्व लाभ, बेरोजगारी आदि सहित सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा लाभों की सेवा करते हैं।
सरकार ने केंद्रीय श्रम कानूनों को शामिल करते हुए चार श्रम संहिताएं तैयार की हैं, जिन्होंने श्रम कानूनों का आधुनिकीकरण और सरलीकरण किया है, जिसमें काम के भविष्य और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के मुद्दों को ध्यान में रखा गया है।
श्री यादव ने कहा कि अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों की चिंताओं को दूर करने के लिए, राष्ट्रीय डेटाबेस विकसित करने के इरादे से श्रमिकों को पंजीकृत करने के लिए अगस्त 2021 में एक डिजिटल पोर्टल शुरू किया गया। श्रमिकों के 400 से अधिक व्यवसायों के साथ लगभग 28 करोड़ श्रमिकों का डेटाबेस पहले ही बनाया जा चुका है। डेटाबेस से अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सामाजिक कल्याण योजनाओं का बेहतर प्रसार होगा।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान, भारत ने न केवल अपनी पूरी आबादी को मुफ्त टीकाकरण प्रदान किया, बल्कि खाद्यान्न, स्वास्थ्य सेवाओं और सुनिश्चित रोजगार की मुफ्त आपूर्ति भी की। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत, सिर्फ अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक लगभग 7.2 करोड़ परिवारों ने योजना के तहत काम का लाभ उठाया। इसी अवधि के दौरान 20 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में सीधे नकद हस्तांतरण किया गया।
भारत ने महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर में सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह की गई। मौजूदा अधिनियम में संशोधन कर 50 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों में 'वर्क फ्रॉम होम' और क्रेच सुविधा का प्रावधान किया गया है।...////...