23-Sep-2021 08:45 PM
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बिलासपुर । बिलासपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कर्मचारियों की हड़ताल को लंबा समय हो गया लगभग 1 सप्ताह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के रायपुर स्थित सरकारी बंगले पर आंदोलनकारी नेताओं की स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्री की उपस्थिति में समझौता वार्ता हुआ साथ ही कर्मचारियों की मुख्य मांगे मान भी ली गई उसके बावजूद कर्मचारी हैं कि हड़ताल से वापसी नहीं कर रहे हैं । वापसी पर मनाने के लिए एक बार बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे आंदोलन स्थल पर गए भी किंतु कर्मचारी दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है से सबक लेकर इस बार सरकार का आदेश आने तक हड़ताल पर रहना चाहते हैं समझौता वार्ता के बाद शहर के कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के बीच उत्तरदायित्व की भावना का सर्वथा अभाव दिखा .... शहर में सत्ताधारी दल की गुटीय राजनीति में सीएम खेमे के जनप्रतिनिधि एक बार भी आंदोलन स्थल पर नहीं पहुंचे मानो समस्या केवल स्वास्थ्य मंत्री और उनके खेमे की हो, इससे एक बार फिर यह संदेश गया कि कांग्रेस के जनप्रतिनिधि जनता की परेशानियों से तालमेल नहीं रखते हैं यदि उन्हें जनता की परेशानियों से इत्तेफाक होता तो उन्हें लगता कि आंदोलन का निदान महत्वपूर्ण है ना कि इस बात का कि विभाग किसका है आखिर मुख्यमंत्री को पूरे प्रदेश के हैं ऐसे में सिम्स की हड़ताल निपट जाए कर्मचारी वापस काम पर आए ऐसे में यदि बिलासपुर के विशेषाधिकार प्राप्त गुट को जनहित में ट्रम्पकार्ड खेलना भी पढ़े तो होगा तो जनहित ही होगा ना इसी सिलसिले में एक बार फिर से एक पुलिसिया कार्यवाही जन चर्चा का विषय बन गई मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक चर्चित चेहरे ने इलाज में देरी होने के कारण कांग्रेस के नेता पंकज सिंह को बुला भेजा राजनीतिक गुटबाजी के हिसाब से पंकज सिंह इन दिनों स्वास्थ्य मंत्री के खेमे के माने जाते हैं। वह पहुंचे और उन्होंने उस कर्मचारी से बातचीत की जिसे मरीज की जांच करनी थी बताते हैं कि मामला बातचीत के बाद हाथ चलने पर भी चला गया कर्मचारी ने इस संदर्भ में संबंधित थाने में शिकायत की पुलिस ने एफ आई आर दर्ज कर ली जिससे उग्र होकर आज बड़ी संख्या में पार्षद शहजादी कुरैशी, पंकज सिंह और उनके समर्थन में स्थानीय विधायक शैलेश पांडे भी थाने पहुंचे
शहर में कुछ माह पूर्व ब्लॉक कांग्रेस के एक अध्यक्ष के विरुद्ध तारबाहर थाने में शिकायत दर्ज हुई थी और पुलिस ने बड़ी तत्परता के साथ कांग्रेसी नेता को नागपुर जाकर हिरासत में लिया था। आज कांग्रेसी नेता और उनके समर्थकों ने थाने में पहुंचकर उपस्थित अधिकारियों से चर्चा की और अपना पक्ष रखा हालांकि छत्तीसगढ़ में इन दिनों कानून को अपना काम जिस तर्ज पर करने दिया जा रहा है उससे लगता नहीं है कि अब कांग्रेसी नेता के मामलों में अलग-अलग नजरिए से कार्यवाही की स्थिति बनती है जब राज्य के मुखिया दर्ज हुई एफआईआर पर अपने पिता के मामले में दखल नहीं दिये तो किसी अन्य मामले में तो सवाल ही नहीं उठता।
dprcg..///..sims-strike-and-negligence-of-the-peoples-representatives-of-bilaspur-319170