सिंह ने 3500 करोड़ की परियोजनाओं के लिए की मोदी की सराहना
09-Mar-2024 08:46 PM 3430
इंफाल 09 मार्च (संवाददाता) मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य के लिए 3,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के लिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। श्री सिंह ने सिटी कन्वेंशन सेंटर में एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि श्री मोदी के देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद से पूर्वोत्तर राज्यों में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि 3500 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं में 1748 करोड़ रुपये की कुल 36 परियोजनाओं की आधारशिला और कुल 1703 करोड़ रुपये की 45 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। मुख्यमंत्री ने 149 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर यूनिटी मॉल के शिलान्यास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस यूनिटी मॉल में राज्य के सभी मान्यता प्राप्त समुदायों के लिए अलग-अलग स्टॉल होंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने मातृ एवं शिशु अस्पताल के विकास की आधारशिला भी रखी। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में 54 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर मणिपुर तकनीकी विश्वविद्यालय का ढांचागत विकास भी शामिल है जिससे युवाओं को फायदा होगा। श्री सिंह ने आईटी एसईजेड के प्रसंस्करण क्षेत्र के ढांचागत विकास पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए खेलों पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया था, जिससे वन विलेज, वन ग्राउंड (खुंगंग अमा सनाबुंग अमा) जैसे विचार सामने आए हैं। उन्होंने सात अलग-अलग स्थानों पर प्राकृतिक घास वाले फुटबॉल मैदानों की आधारशिला भी रखी। उन्होंने कहा कि जिन अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई उनमें स्कूल बुनियादी ढांचे का विकास, एनईएसआईडीएस के तहत दो सड़क परियोजनाएं, दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं (इम्फाल-जिरीबाम, उखरुल-तलोई-ताडुबी) और सेतु बंधन के तहत चार पुल शामिल हैं। जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें सीआरआईएफ के तहत दो सड़कें, जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति योजनाएं, मोइरांग में क्राफ्ट हैंडलूम गांव, चार राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं (इंफाल-मोरे; तामेंगलोंग-खोंगसांग; मरम-पेरेन; चुराचांदपुर-तुइवई) शामिल हैं। संगाई की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण तथा संवर्द्धन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि लोग जीवित रहने के लिए प्रकृति पर निर्भर हैं और यह प्रकृति नहीं है जो जीवित रहने के लिए मनुष्यों पर निर्भर है। उन्होंने लाम्फेलपाट के पुनर्जीवन कार्य पर भी जोर देते हुए कहा,“आज क्षेत्र में प्रवासी पक्षियों के आगमन जैसे कई पर्यावरणीय परिवर्तन देखे गए हैं। मैंने राज्य में और अधिक जल निकायों को विकसित और संरक्षित करने की आवश्यकता व्यक्त की है।...////...
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