11-Oct-2022 09:40 PM
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उज्जैन, 11 अक्टूबर (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्री महाकालेश्वर की नगरी मध्यप्रदेश के उज्जैन में बने बेहद भव्य श्री महाकाल लोक के लोकर्पण के बाद श्री महाकाल को बारंबार प्रणाम करते हुए कहा कि सिंहस्थ के समय में उनके मन में जो विचार आए थे, आज उन्हें मूर्त रूप मिल गया है।
श्री मोदी ने श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद एक आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले सिंहस्थ के समय में उन्हें श्री महाकालेश्वर भगवान का बुलावा आया। उन्होंने बेहद विनम्र लहजे में कहा कि महाकाल का बुलावा आए तो बेटा आए बिना कैसे रह सकता था। उन्होंने कहा कि उस दौरान उनके मन में लगातार मंथन का दौर चल रहा था। उसी मंथन में एक विचार इस कल्पना का भी आया था। उस समय का भाव आज चरितार्थ हो गया है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री महाकालेश्वर और उज्जयिनी नगरी की महिमा बताते हुए कहा कि यहां 84 शिवलिंग, चार महावीर, छह विनायक, आठ भैरव, अष्ट मातृका, नवग्रह, 10 विष्णु, 11 रूद्र, 12 आदित्य, 24 देवियां और 88 तीर्थ हैं, जिनके केंद्र में राजाधिराज श्री महाकाल विराजमान हैं। उन्होंने कहा कि यहां सब कुछ अलौकिक, अविश्वसनीय और असाधारण है।
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि वे मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार का अभिनंदन करते हैं, जिन्होंने लगातार समर्पण के साथ इस सेवा कार्य को पूरा किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उज्जैन ज्योतिषीय गणना का भी केंद्र रहा है। यहां श्रीकृष्ण ने भी शिक्षा प्राप्त की। उज्जैन के कण-कण में ईश्वरीय ऊर्जा और इतिहास सिमटा है।
उन्होंने कहा कि श्री महाकालेश्वर मंदिर देश का एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग है, जहां की भस्म आरती समूचे विश्व में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि हर भक्त जीवन में एक बार भस्मारती के दर्शन करना चाहता है।...////...