24-Sep-2021 04:30 PM
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प्रयागराज । महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच के लिए आखिरकार सीबीआई की पांच सदस्यों की टीम प्रयागराज पहुंच चुकी है।इसके पहले एक नई जानकारी भी सामने आई है।इसमें पता चला है कि सोमवार यानि जिस दिन महंत की मौत हुई तब उनके फोन पर कुल 35 कॉल आई थी।इसमें से 18 पर उन्होंने बातचीत की थी। बातचीत करने वालों में हरिद्वार के कुछ लोग और 2 बिल्डर भी शामिल थे। एसआईटी नरेंद्र गिरि के मोबाइल की सीडीआर निकालकर इन लोगों से भी पूछताछ करेगी।कॉल करने वालों का डिटेल खंगालने के लिए हरिद्वार पुलिस को जानकारी भेजी गई है।
बता दें कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत हत्या है या आत्महत्या इसकी जांच चल रही है।सीबीआई जांच की सिफारिश भी हुई है।फिलहाल महंत गिरि के प्रिय शिष्य आनंद गिरि ही केस में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।आनंद गिरि का नरेंद्र गिरि की मौत में क्या हाथ है, हाथ है भी या नहीं यह जांच के बाद साफ होगा। लेकिन दोनों के बीच जिस संपत्ति की वजह से विवाद हुआ था।
प्रयागराज के नगर देवता कहलाने वाले लेटे हनुमान मंदिर या बड़े हनुमान मंदिर की मान्यता, मान प्रतिष्ठा देश दुनिया में है।उस बड़े हनुमान मंदिर से ही आनंद गिरि ने अपने सपनों को साकार करना शुरू किया था। बचपन से ही नरेंद्र गिरि के साथ रहने वाले आनंद गिरि ने गुरु का इतना भरोसा जीत लिया कि महंत नरेंद्र गिरि ने बड़े हनुमान मंदिर की पूजा अर्चना से लेकर पूरी देखरेख की जिम्मेदारी आनंद गिरि को सौंप दी।
आनंद ने शुरुआती दिनों में बतौर मुख्य पुजारी बड़े हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कर मंदिर का रख-रखाव, आने वाले चढ़ावे का हिसाब रखना शुरू किया।प्रयागराज में जब भी कोई नेता, अफसर संगम आता,तब बड़े हनुमान मंदिर दर्शन करने जरूर जाता।यहीं से आनंद को ताकत और रसूख का चस्का लग गया। धीरे-धीरे आनंद गिरि ने बड़े हनुमान मंदिर की पूरी जिम्मेदारी ले ली और यहीं पर महंत आनंद की दोस्ती आद्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी से हो गई।आनंद गिरि ने आद्या तिवारी को बड़े हनुमान मंदिर का पुजारी बनाया,तब गुरू नरेंद्र गिरि ने भी एतराज नहीं जताया।आनंद गिरि और संदीप तिवारी के बीच दोस्ती बढ़ी, तमाम रसूखदार ताकतवर लोगों से संपर्क बड़ा,तब बाघम्बरी गद्दी के पास मौजूद करोड़ों की संपत्ति और पूर्व में बेची जा चुकी संपत्ति से हुई कमाई की भी जानकारी आनंद गिरि को मिलने लगी।
यूपी पुलिस ने सीबीआई को सौंपा मामला, प्राथमिकी दर्ज
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने प्राथमिकी दर्ज की है। महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को बाघंबरी गद्दी मठ स्थित अपने कमरे में मृत पाए गए। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि नरेंद्र गिरि की मौत फांसी के कारण दम घुटने से हुई है। प्राथमिकी तब दर्ज की गई थी जब उत्तर प्रदेश सरकार ने नरेंद्र गिरि की मौत की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
पुलिस के मुताबिक आठ पन्नों के लंबे सुसाइड लेटर में लिखा है, 'मैं मर्यादा के साथ जिया, अपमान के साथ नहीं जी पाऊंगा, इसलिए खुद की जान ले रहा हूं। महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में एक "वसीयत" भी लिखा था कि उनके निधन के बाद मठ के साथ क्या करना है। यूपी पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में संदीप तिवारी को दो शिष्यों आनंद गिरि और आध्या प्रसाद सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
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