एक ऐसी पहाड़ी, जहां पत्थर फेंकने से पता चलता है पेट में लड़का है या लड़की
13-Sep-2021 02:07 PM 5677
सामान्य तौर पर गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग का पता करने के लिए सोनोग्राफी का सहारा लिया जाता है, लेकिन ये कानूनी तौर पर अपराध है। तकनीकी काफी तेजी से विकास कर रही है पर झारखंड में एक ऐसा इलाका है जहां प्राचनी पंरपरा निभाई जाती है और परंपरा ऐसी की जिसके बारे में जानकर आप दांतों तले उंगली दबा सकते हैं। झारखंड के लोहरदगा स्थित खुखरा गांव में एक ऐसी पहाड़ी भी है जो गर्भ में पल रहे नवजात लड़का है या लड़की इस बारे में बता देती है। स्थानीय लोगों का इस बारे में कहना है कि एक भी रुपये खर्च किए बिना हम यह पता कर सकते हैं । यह रिवाज यहां चार सौ साल पहले नागवंशी राजाओं के शासन काल से चली आ रही है। लोगों के मुताबिक ये पर्वत बीते 400 सालों से लोगों को उनके भविष्य के बारे में जानकारी दे रहा है। इस पर्वत के प्रति लोगों की बहुत श्रद्धा है। लोगों का कहना है कि इस पहाड़ी पर चांद के आकारी की आकृति बनी हुई है, जो नवजात शिशु के लिंग के बारे में बताती है। जानकारी के लिए बता दें कि इस पहाड़ी पर पत्थर मारकर इस बात की जांच की जाती है। गर्भवती महिला एक निश्चित दूरी से पत्थर को इस पहाड़ी पर बने चांद की ओर मारती है। अगर पत्थर चंद्रमा के आकार के ठीक बीच में जाकर लगा तो यह समझा जाता है कि गर्भ में लड़का है और अगर वह पत्थर चंद्रमा के बाहर लगे तो माना जाता है कि गर्भ में पल रही नवजात लड़की है। वैसे गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग पता करने का तरीका कोई भी हो उसे बंद कर देना चाहिए। इससे भ्रूण हत्या को बढ़ावा मिलता है। hill throwingstones..///..such-a-hill-where-by-throwing-stones-it-is-known-that-there-is-a-boy-or-a-girl-in-the-stomach-316953
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