सुप्रीम कोर्ट ने 74 साल के माओवादी की जमानत याचिका को मंजूरी दी
01-Dec-2021 11:03 PM 8803
नयी दिल्ली, 01 दिसंबर (AGENCY) उच्चतम न्यायालय ने अवैध रूप से रॉकेट लांचर बनाने में माओवादियों को मदद के आरोपी महाराष्ट्र के 74 साल के इंजीनियर अशिम कुमार हरनाथ भट्टाचार्य को जमानत याचिका को बुधवार को मंजूरी दे दी। शीर्ष न्यायालय ने नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (एनआइए) द्वारा जांच किये जा रहे इस तरह के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए अतिरिक्त विशेष अदालतें गठित करने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को दिया। पीठ ने कहा कि सरकार विशेष अदालतों का गठन गठन करे ताकि रोजाना सुनवाई सुनिश्चित की जा सके। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर की। पीठ ने जमानत की अर्जी मंजूर करते हुए कहा कि निसंदेह अभियुक्त के खिलाफ गंभीर आरोप हैं लेकिन अन्य संवैधानिक प्रावधानों को भी देखा जाना चाहिए जरूरी है। त्वरित सुनवाई सुनिश्चित किए बिना किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करना संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुरूप नहीं है। पीठ ने अभियुक्त द्वारा कारावास में बिताई गई अवधि और उसकी उम्र समेत कई कारणों के मद्देनजर जमानत दी। शीर्ष न्यायालय ने इस बात पर गौर किया कि अपील करने वाला यह आरोपी छह जुलाई 2012 को गिरफ्तार किया गया था तथा अब उसकी उम्र 74 साल है। उसके खिलाफ आरोप पत्र 2012 में दायर किया गया था और आरोप 2019 में तय किए गए थे। सुनवाई के दौरान एनआईए ने गंभीर आरोपों का हवाला देते हुए जमानत याचिका का विरोध किया, जिसे पीठ ने खारिज करते हुए कहा कि विचाराधीन कैदियों को लंबित मुकदमों के लिए अनिश्चित काल तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता। शीर्ष न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को एनआईए द्वारा जांच किए गए अपराधों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें गठित करने के लिए जरूरी कार्यवाही करने का निर्देश दिया ताकि रोजाना मामले की सुनवाई सुनिश्चित की जा सके। पीठ ने केंद्र सरकार को विशेष अदालतों की संख्या बढ़ाने के वास्ते कोलकात्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श कर राज्य सरकार के समक्ष मामले को उठाने का भी निर्देश दिया।...////...
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